राजधानी पटना में शुक्रवार को AQI 202 दर्ज किया गया, जो सामान्य से बहुत ज्यादा खराब स्थिति में है.प्रदूषण के मामले में सबसे बुरा हाल उत्तर बिहार के शहरों का है. कटिहार का एक AQI 400 के पार कर चुका है. मोतिहारी में AQI 382 और बेतिया में 284 दर्ज किया गया. इसके अलावा आरा में 188, औरंगाबाद में 173, बेगूसराय में 368, भागलपुर में 168, बिहार शरीफ में 145, बक्सर में 158, छपरा में 187, दरभंगा में 312, गया में 130, हाजीपुर में 215, सिवान में 312, समस्तीपुर में 215, मुंगेर में 172 और पूर्णिया में 321 AQI दर्ज किया गया है.
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बेगूसराय की हवा इन दिनों नोएडा से भी ज्यादा प्रदूषित हो गई है. लगातार बेगूसराय का एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 से ज्यादा हो रहा है. बुधवार को तो बेगूसराय का AQI 368 तक पहुंच गया था. बेगूसराय में कई छोटे-बड़े कल कारखाने हैं वहीं सड़कों पर दौड़ रहे बेतहाशा वाहनों के निकलते धुंए से प्रदूषण बढ़ने की आशंका है. खोदावंदपुर कृषि केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ विपिन कुमार की माने तो बेगूसराय में कल कारखाने के साथ-साथ वाहनों से निकलने वाले धुएं, किसानों के द्वारा जलाए जा रहे पराली और घरों में कोयले और लकड़ी पर खाना बनाने से निकलने वाले धुआं की वजह से लगातार हवा खराब हो रही है. इसका नतीजा है कि बेगूसराय में हवा अत्यधिक प्रदूषित हो गई है.
हवा के प्रदूषित होने से पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वालों में भी नाराजगी है कि लगातार बेगूसराय का एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरे के निशान से उपर तक बढ़ा हुआ है. इसके बावजूद जिला प्रशासन के द्वारा प्रदूषण के रोकथाम के लिए किसी तरह के कार्य नहीं किए जा रहे हैं. जबकि जरूरत इस बात की है कि प्रदूषण को कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाए.
बेगूसराय में सड़कों पर कचरों में आग लगाकर छोड़ दिया जा रहा है. बाइक ऑटो के साइलेंसर से तेज धुआ निकल रहा है. इससे प्रदूषण कम होने के बजाय बढ़ जा रहा है. ऐसे में लोगों को जागरूक होने के साथ-साथ प्रशासन को भी प्रदूषण कम करने के लिए जागरूकता के साथ-साथ पेड़ पौधे लगाने पर बल देना होगा.