गांव में यह घटना जैसे ही फैली, वहां की पंचायत और समाज के बड़े बुजुर्गों ने एक सामूहिक बैठक की। इस बैठक में फैसला लिया गया कि महिला और उसके प्रेमी को शादी करने का आदेश दिया जाएगा ताकि समाज में कोई विवाद न हो। इस कदम का उद्देश्य था महिला और उसके बच्चों को एक कानूनी सुरक्षा प्रदान करना और समाज में उनके प्रति सहानुभूति उत्पन्न करना।
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गांववालों के लिए यह एक तरीका था जिससे वे अपने सामाजिक ताने-बाने को बचा सकें। उनके अनुसार, यह कदम इस तरह की समस्याओं को हल करने का एक सकारात्मक पहलू था, जबकि समाज में कुछ परिवारों को लेकर बढ़ती चिंताएं और संदेह को भी समाप्त किया गया।
महिला के लिए यह एक नई शुरुआत का अवसर था। विवाह के बाद महिला और उसके प्रेमी ने अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की, जबकि उसके पांच बच्चों को अब एक सुरक्षित घर और वैध रिश्ते का माहौल मिल गया। यह घटना उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। इसके बाद महिला ने सार्वजनिक रूप से कहा कि अब वह अपने बच्चों के लिए एक अच्छा और स्थिर जीवन चाहती है और वह इस रिश्ते को पूरी ईमानदारी से निभाएगी।
महिला की यह यात्रा निश्चित रूप से आसान नहीं थी, लेकिन उसके लिए यह बदलाव एक नया अवसर था। इससे यह भी संदेश जाता है कि समाज और परिवार कभी-कभी लोगों की गलतीयों को सुधारने में मदद कर सकते हैं, बशर्ते उनका दृष्टिकोण सही हो।वह दिन भी आया जब महिला और उसके प्रेमी ने सामाजिक प्रक्रिया के तहत अपनी शादी का फैसला किया। अब उनका जीवन एक कानूनी और वैध रिश्ते के तहत आगे बढ़ेगा, और इस संबंध में समुदाय ने स्वीकार कर लिया है। महिला और उसके प्रेमी को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि वे समाज की उम्मीदों पर खरा उतरें और अपने बच्चों के लिए एक स्थिर और सुखी जीवन प्रदान करें।