देश में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के तहत प्रशिक्षित उम्मीदवारों की मांग बढ़ गई है। 94 प्रतिशत कंपनियों ने ऐसी योग्यता वाले युवाओं को नौकरी में प्राथमिकता दी है। मालूम हो कि कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) की स्थापना नवंबर 2014 में की गई थी।
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नई दिल्ली। देश में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के तहत प्रशिक्षित उम्मीदवारों की मांग बढ़ गई है। 94 प्रतिशत कंपनियों ने ऐसी योग्यता वाले युवाओं को नौकरी में प्राथमिकता दी है। मालूम हो कि कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) की स्थापना नवंबर 2014 में की गई थी।
भारत सरकार के कौशल भारत मिशन (SIM) के तहत MSDE कौशल विकास केंद्रों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से कौशल, पुनः कौशल और अप-कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है। देशभर में समाज के सभी वर्गों को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) और शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के तहत प्रशिक्षित किया जाता है।
एनएसडीसी देशभर में बाजार व शुल्क-आधारित कार्यक्रमों सहित एमएसडीई और अन्य मंत्रालयों व विभागों जैसे पीएमकेवीवाई, एनएपीएस और पीएम विश्वकर्मा की विभिन्न कौशल योजनाओं को लागू करता है। एमएसडीई की प्रमुख योजना PMKVY का मूल्यांकन अक्टूबर 2020 में नीति आयोग द्वारा नौकरियों और कौशल क्षेत्र के तहत किया गया था। अध्ययन के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल लगभग 94 प्रतिशत नियोक्ताओं ने बताया कि वे PMKVY के तहत प्रशिक्षित अधिक उम्मीदवारों को नियुक्त करेंगे।
योग्यता के हिसाब से करीब 70.5% उम्मीदवारों का हुआ प्लेसमेंट
इसके अलावा 52 प्रतिशत उम्मीदवार जिन्हें पूर्णकालिक व अंशकालिक रोजगार में रखा गया था और आरपीएल घटक के तहत उन्मुख किया गया था, उन्हें उच्च वेतन मिला। भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) द्वारा PMKVY का एक तृतीय-पक्ष प्रभाव मूल्यांकन भी आयोजित किया गया था। मूल्यांकन के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल लगभग 70.5% उम्मीदवारों को उनके वांछित कौशल क्षेत्र में प्लेसमेंट प्राप्त हुआ।
इसके अलावा 2018 में प्रकाशित आईटीआई स्नातकों के एक ट्रेसर अध्ययन से पता चला कि कुल आईटीआई पास-आउट में से 63.5% को रोजगार मिला है। बता दें कि एनएसडीसी-I विभिन्न देशों में भारतीय कुशल कार्यबल की मांग और प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप भारतीय कार्यबल के लिए आवश्यक कौशल का अध्ययन करता है।