इटावा। यूपी के इटावा जेल में हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रही औरैया की कुख्यात डकैत कुसुमा नाइन की रविवार को लखनऊ में इलाज के दौरान मौत हो गई। उस पर हत्या समेत करीब 24 केस दर्ज थे। देश में जितनी भी दस्यु सुंदरियां हुई हैं, उनमें कुसमा सबसे खूंखार मानी जाती थी।
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ब्रेकिंग इटावा
उम्रकैद की सजा काट रही कुसुमा नाइन की मौत
बीहड़ में बागी होने के बाद किया था आत्मसमर्पण
काफी समय से टीबी रोग से ग्रसित थी कुसुमा नाइन
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लखनऊ PGI में इलाज के दौरान कुसुमा नाइन की मौत
पुलिस ने कुसुमा नाइन का शव परिजनों को सुपुर्द किया#BreakingNews #LatestNews… pic.twitter.com/gzGg7QhxYy
— India Voice (@indiavoicenews) March 3, 2025
इटावा जिला जेल अधीक्षक कुलदीप सिंह ने बताया कि पिछले दो महीनों से वह टीबी से पीड़ित थी। उसकी हालत बिगड़ने पर 1 फरवरी को उसे इटावा के डॉ. भीमराव अंबेडकर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां से उसे सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी रेफर किया गया, जहां से उसे लखनऊ के केजीएमयू में शिफ्ट किया गया।
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वह कुख्यात डकैत रामसरे उर्फ फक्कड़ बाबा की प्रमुख सहयोगी थी। कुसुमा 1984 में कुख्यात हो गई थी, जब उसने डकैत ललाराम और श्रीराम के साथ मिलकर अस्ता गांव में 12 ग्रामीणों को लाइन में खड़ा कर गोली मार दी थी। उसका यह कृत्य 1981 के बेहमई नरसंहार का बदला था, जब फूलन देवी और उसके गिरोह ने 20 लोगों को गोली मार दी थी, जिससे पूरे देश में सनसनी फैल गई थी। इसका बदला लेते हुए अस्ता गांव, जहां फूलन की जाति के लोगों का घर था, को उसने निशाना बनाया। नाइन और उसके सहयोगियों ने निर्दयता से ग्रामीणों को मार डाला और बदले की भावना से घरों को जला दिया।