संस्कृति मंत्रालय शास्त्रीय नृत्यों, स्वदेशी कलाकृति और अन्य पारंपरिक कलाओं जैसे विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में विशेषज्ञता वाले युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए SYA नाम से छात्रवृत्ति लागू कर रहा है। इस योजना के तहत अधिकतम 400 विद्वानों को पांच हजार प्रति माह की धनराशि 02 वर्ष की अवधि के लिए चार समान छह मासिक किस्तों में प्रदान की जाती है।
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नई दिल्ली। संस्कृति मंत्रालय शास्त्रीय नृत्यों, स्वदेशी कलाकृति और अन्य पारंपरिक कलाओं जैसे विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में विशेषज्ञता वाले युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए SYA नाम से छात्रवृत्ति लागू कर रहा है। इस योजना के तहत अधिकतम 400 विद्वानों को पांच हजार प्रति माह की धनराशि 02 वर्ष की अवधि के लिए चार समान छह मासिक किस्तों में प्रदान की जाती है।
चयनित विद्वानों की आयु 18 वर्ष से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए। वे किसी गुरु या संस्थान से कम से कम 5 वर्ष तक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हों। विद्वानों का चयन मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के समक्ष व्यक्तिगत साक्षात्कार में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है। पिछले पांच वर्षों के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति योजना के तहत आंध्र प्रदेश सहित देश भर में चयनित लाभार्थियों दिया गया है।
मालूम हो कि संस्कृति मंत्रालय इसके अलावा ‘कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्ति और फेलोशिप की योजना’ के नाम से एक केंद्रीय क्षेत्र योजना का संचालन कर रहा है। उक्त ‘कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्ति और फैलोशिप की योजना’ के लिए धन आवंटित किया जाता है। संस्कृति मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 23-24 के लिए 16.22 करोड़ का आवंटन किया है।