हरतालिका तीज सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास पर्व है, ऐसा कहा जाता है, कि इस व्रत को करने से पति की लंबी आयु होती है, कुछ जगहों पर तो मनचाहा वर पाने के लिए कुंवारी कन्या भी इस व्रत को करती है, हिंदू पंचांग के अनुसार हरतालिका तीज व्रत हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है, इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके माता पार्वती और भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करती हैं,आपको बता दें यह व्रत निर्जला किया जाता है, ऐसी मान्यता है, कि इस व्रत को करने के बाद ही माता पार्वती को भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए थे, क्या आप भी हरतालिका तीज का व्रत रखने की सोच रही है? अगर हां, तो आइए इसकी तारीख जान लें.
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भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि सोमवार, 29 अगस्त को दोपहर 03:20 से शुरू होगी, इसका समापन मंगलवार, 30 अगस्त को दोपहर 03:33 पर होगा, हरतालिका तीज के दिन पूजा का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 06:05 पर है, यह योग सुबह 8:38 तक रहेगा, शाम को तीज की पूजा का मुहूर्त 06:33 मिनट से लेकर रात 08:51 तक रहेगा,
हिंदू पंचांग के अनुसार हरतालिका तीज व्रत हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है, ऐसा कहा जाता है, कि इस व्रत को रखने से पति की लंबी आयु और मनचाहा वर प्राप्त होता हैं,
हरतालिका तीज की पूजा प्रदोष काल में ही करना शुभ माना जाता है, सुबह नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर काली मिट्टी से भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं, केले के पत्ते रखकर भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित करें,
अब सभी देवताओं को आमंत्रित करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा शुरू करें, पूजा करने के बाद भगवान शिव को वस्त्र अर्पित करें, इसके बाद हरतालिका तीज की व्रत कथा पढ़ें, अंत में भोग लगाएं और प्रसाद बांटें.