नई दिल्ली । बारिश के मौसम में मच्छर काफी ज्यादा पनपते हैं, जिसके कारण वो ज्यादा काटते हैं और मच्छरों के काटने से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलती हैं। मच्छरों के काटने से सिर्फ ये ही नहीं एक और भी गंभीर बीमारी हो सकती है। जिसका नाम लिम्फैटिक फाइलेरियासिस या एलिफेंटियासिस या फाइलेरिया है। ये रोग काफी दर्दनाक होता है। इसमें मरीज का अंग फूलकर काफी मोटा हो जाता है। यही वजह है कि आम बोलचाल में इसे हाथी पांव की बीमारी भी कहते हैं। अगर समय पर इसका इलाज न कराया जाए और ये लंबे समय तक रहे तो इसकी वजह से विकलांगता का खतरा भी हो सकता है।
फाइलेरिया के लक्षण
फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसमें पैर सूज जाते हैं और पैर सूजकर हाथी के पैर की तरह हो जाते हैं। इस बीमारी में टेस्टिकल्स में भी सूजन आ जाती है। विकलांगता का खतरा भी बढ़ने लगता है।
देश में एलिफेंटियासिस खतरनाक
एक रिपोर्ट की मानें तो हमारे देश में हाथी पांव का खतरा काफी ज्यादा है। अकेले भारत में दुनियाभर के कुल मामलों का 40 प्रतिशत केस पाया जाता है। आज के समय की बात करें तो देश में करीब 740 मिलियन लोगों को ये बीमारी होने का खतरा है।
हाथी पांव का इलाज और रोकथाम
विशेषज्ञों के मुताबिक हाथी पांव में इंफेक्शन के पहले स्टेज पर ही अगर पहचान हो जाए तो उसका इलाज हो सकता है और इसे रोका जा सकता है। शुरुआत में लक्षणों की पहचान कर इसके चक्र को ब्रेक कर दिया जाता है, जिससे परजीवी मच्छर आगे न बढ़ने पाएं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो, इस बीमारी को रोकने के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MDA) जैसे कई मेडिकल इलाज पर काम चल रहा है। इसके लिए दवाइयां बांटी जा रही हैं।