नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने माले के विकास के लिए 2024-2029 की अवधि के दौरान 1000 मालदीव सिविल सेवा अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) का नवीनीकरण किया। मालूम हो कि विदेश मंत्रालय के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र ने बांग्लादेश, तंजानिया, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका और कंबोडिया के सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित किया है।
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इसी के तहत क्षमता निर्माण पहल के हिस्से के रूप में 8 जून 2019 को 2024 तक के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया था। जिसमें मालदीव के सिविल सेवकों के लिए प्रशासन, जिसमें भ्रष्टाचार विरोधी आयोग (एसीसी) के लिए एक कार्यक्रम और मालदीव के सूचना आयोग कार्यालय (आईसीओएम) के लिए एक कार्यक्रम शामिल था। इस सफलता पर मालदीव के विदेश मंत्रालय ने अगले पांच वर्षों के लिए एमओयू के नवीनीकरण का अनुरोध किया।
9 अगस्त, 2024 को एमओयू को आधिकारिक तौर पर नवीनीकृत किया गया, जिसमें 2029 तक अन्य 1,000 मालदीव के सिविल सेवकों को प्रशिक्षित करने की प्रतिबद्धता जताई गई।
यह नवीनीकृत साझेदारी सार्वजनिक नीति, शासन और क्षेत्र प्रशासन में मालदीव के सिविल सेवकों की क्षमताओं को बढ़ाना जारी रखेगी, जिससे संबंधों को और मजबूती मिलेगी। मालूम हो कि भारत और मालदीव के बीच राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) कई देशों में सार्वजनिक नीति और शासन पर ज्ञान के आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।