Prithvi II: भारत ने मंगलवार (10 जनवरी) को ओडिशा तट से सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 (पृथ्वी-द्वितीय) का सफल परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मिसाइल ने बेहद सटीक तरीके से लक्ष्य को निशाना बनाया। मंत्रालय ने कहा कि कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का 10 जनवरी को ओडिशा तट पर चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से सफल परीक्षण किया गया था।
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मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रतिष्ठित प्रणाली पृथ्वी-2 मिसाइल भारत के परमाणु जखीरे का अहम हिस्सा है। मिसाइल ने बेहद सटीक निशाना लगाया। बयान में कहा गया है कि सफल परीक्षण में मिसाइल के सभी ऑपरेशनल और तकनीकी पैरामीटर सही पाए गए। पृथ्वी-II मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 350 किमी है।
पृथ्वी-द्वितीय मिसाइल भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित एक कम दूरी की, सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। यह भारत की पृथ्वी मिसाइल श्रृंखला का हिस्सा है, जिसमें पृथ्वी-I, पृथ्वी-II, पृथ्वी-III और धनुष शामिल हैं।
500 किलो तक का पेलोड ले जाने में सक्षम
पृथ्वी II स्वदेशी रूप से विकसित मिसाइल है और 500 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है। कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का पिछले साल जून में ओडिशा के चांदीपुर से परीक्षण किया गया था। यह मिसाइल उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। चीन और पाकिस्तान की सीमा पर जारी गतिरोध के बीच भारत लगातार अपनी मिसाइल क्षमता को मजबूत कर रहा है।
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अग्नि-5 का दिसंबर में सफल परीक्षण किया गया था
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में भारत ने लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली परमाणु क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया था। जिसकी रेंज 5,000 किमी से ज्यादा है। यह अग्नि-5 का नौवां परीक्षण था, जिसका पहली बार परीक्षण 2012 में किया गया था। यह मिसाइल बीजिंग सहित मुख्य भूमि चीन के अधिकांश शहरों तक पहुंच सकती है। इसके अलावा इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल, अग्नि-III का सफल प्रशिक्षण प्रक्षेपण नवंबर में किया गया था।