प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 अगस्त को महाराष्ट्र के जलगांव में लखपति दीदी सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने 11 लाख नई लखपति दीदियों को प्रमाण पत्र दिए और सम्मानित किया, जो हाल ही में वर्तमान सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान लखपति बनी हैं। प्रधानमंत्री ने देशभर की लखपति दीदियों से भी बातचीत की।
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मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 अगस्त को महाराष्ट्र के जलगांव में लखपति दीदी सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने 11 लाख नई लखपति दीदियों को प्रमाण पत्र दिए और सम्मानित किया, जो हाल ही में वर्तमान सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान लखपति बनी हैं। प्रधानमंत्री ने देशभर की लखपति दीदियों से भी बातचीत की।
श्री मोदी ने 2,500 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड जारी किया, जिससे 4.3 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लगभग 48 लाख सदस्यों को लाभ हुआ। उन्होंने 5,000 करोड़ रुपये का बैंक ऋण भी वितरित किया। कहा कि लखपति दीदी योजना की शुरुआत के बाद से अब तक एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जा चुका है और सरकार ने तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने लखपति दीदी सम्मेलन के विशाल आयोजन में माताओं और बहनों की भारी भीड़ पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “आज, पूरे भारत में फैले लाखों महिला स्वयं सहायता समूहों को 6000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वितरित की गई”। उन्होंने कहा कि धनराशि का यह कोष कई महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनने के लिए प्रेरित करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया कि महाराष्ट्र की माताएं और बहनें राज्य की गौरवशाली संस्कृति और परंपराओं की झलक देती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”हमारा जलगांव वारकरी परंपरा का तीर्थ
श्री मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र की संस्कृति उस भूमि की बहादुर और साहसी महिलाओं की रचना है। उन्होंने कहा कि पूरा भारत महाराष्ट्र की ‘मातृशक्ति’ से प्रेरित है। प्रधानमंत्री ने कहा, ”हमारा जलगांव वारकरी परंपरा का तीर्थ है। यह महान संत मुक्ताई की भूमि है।” उन्होंने कहा कि उनकी उपलब्धियां और तपस्या आज की पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र की अपनी यात्रा को याद करते हुए जब प्रधान मंत्री ने 3 करोड़ लखपति दीदियाँ बनाने की इच्छा व्यक्त की थी।
श्री मोदी ने बताया कि पिछले 10 वर्षों के दौरान 1 करोड़ लखपति दीदियां बनाई गईं, जबकि 11 लाख नई लखपति दीदियां बनाई गईं। कहा कि लखपति दीदी अभियान सिर्फ माताओं और बहनों की आय बढ़ाने का एक तरीका नहीं है, बल्कि परिवार और भावी पीढ़ियों को मजबूत करने का एक मेगा अभियान है। प्रधान मंत्री ने कहा कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदल रहा है।
प्रधान मंत्री ने कहा, “यहां मौजूद हर महिला जानती है कि जब वह आजीविका कमाने लगती है तो समाज में उसकी सामाजिक स्थिति ऊंची हो जाती है। उन्होंने कहा कि आय में वृद्धि के साथ परिवार की क्रय शक्ति भी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, “जब एक बहन लखपति दीदी बन जाती है तो पूरे परिवार की किस्मत बदल जाती है।”
अब घरों का पंजीकरण घर की महिला के नाम पर ही
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने गरीबों के लिए घरों का पंजीकरण घर की महिला के नाम पर करने का निर्णय लिया है। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि अब तक बने 4 करोड़ घरों में से अधिकांश महिलाओं के नाम पर पंजीकृत हैं। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि आने वाले 3 करोड़ घरों में भी उनमें से अधिकांश महिलाओं के नाम पर पंजीकृत होंगे।
श्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना में भी ज्यादातर बैंक खाते महिलाओं के नाम पर खोले गए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लगभग 70 प्रतिशत लाभार्थी देश की माताएं और बहनें हैं।
महिलाओं पर अत्याचार रोकने के लिए बनेगा और सख्त कानून
प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा देने के लिए सरकार लगातार कानूनों को सख्त बना रही है। यह बताते हुए कि पहले शिकायतों की एफआईआर समय पर दर्ज नहीं की जाती थी और मामलों में बहुत समय लगता था। प्रधान मंत्री ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में ऐसी बाधाओं को हटा दिया गया है, जहां महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर एक पूरा अध्याय बनाया गया है ।
उन्होंने बताया कि यदि पीड़ित पुलिस स्टेशन नहीं जाना चाहते हैं तो वे ई-एफआईआर दर्ज करा सकते हैं और पुलिस स्टेशन स्तर पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने और ई-एफआईआर के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करने के उपाय किए गए हैं। इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस और अजीत पवार, और केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान आदि उपस्थित थे।