Murshidabad (West Bengal) – पश्चिम बंगाल के Murshidabad जिले में बीते कुछ दिनों से जारी तनाव और हिंसात्मक घटनाओं ने पूरे देश की नज़रें इस इलाके पर टिका दी हैं। चाहे वो स्थानीय विरोध प्रदर्शन हों, सांप्रदायिक झड़पें हों या प्रशासनिक ढिलाई — हर पहलू पर अब राष्ट्रीय बहस छिड़ चुकी है।
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विपक्ष का आरोप है कि “पूरे देश ने देख लिया है कि Murshidabad में क्या स्थिति है। लोग डरे हुए हैं, प्रशासन मौन है और सरकार असहाय दिख रही है।”
क्या है Murshidabad की स्थिति?
पिछले सप्ताह से जिले में हालात बिगड़ने लगे जब एक वक्फ संपत्ति को लेकर विवाद हुआ और उसका राजनीतिक रंग ले लिया गया। इसके बाद कई इलाकों में झड़पें, पथराव, और आगजनी की घटनाएं सामने आईं। स्थानीय बाजारों में तनाव का माहौल है और स्कूल-कॉलेज भी अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं।
पुलिस की ओर से अब तक 40 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और धारा 144 लागू की गई है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज
भाजपा, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला किया है। भाजपा नेता ने कहा:
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“Murshidabad अब आतंक का गढ़ बनता जा रहा है, और राज्य सरकार मूक दर्शक बनी हुई है।”
वहीं, कांग्रेस ने भी राज्य सरकार की निंदा करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और राज्य को तत्काल केंद्रीय हस्तक्षेप की जरूरत है।
सोशल मीडिया पर Murshidabad ट्रेंडिंग में
Twitter (अब X), Instagram और Facebook पर #MurshidabadViolence, #SaveMurshidabad जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। यूजर्स वीडियो और फोटो शेयर कर रहे हैं जिसमें आगजनी, विरोध प्रदर्शन और पुलिस की निष्क्रियता दिखाई जा रही है।
सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने लिखा:
“क्या Murshidabad भारत का हिस्सा नहीं है? क्यों यहां के हालात पर सरकार चुप है?”
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प्रशासन की प्रतिक्रिया
Murshidabad के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। अफवाह फैलाने वालों पर आईटी एक्ट और एनएसए जैसी धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सरकार ने दावा किया है कि विपक्ष इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहा है, जबकि प्रशासन लगातार काम कर रहा है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इलाके के एक दुकानदार ने कहा:
“हम डर के साये में जी रहे हैं। ना व्यापार हो रहा है, ना बच्चे स्कूल जा पा रहे हैं। हर वक्त डर लगा रहता है कि कहीं कुछ हो ना जाए।”
एक महिला ने कहा:
“हमें सुरक्षा चाहिए, राजनीति नहीं। चाहे जो भी पार्टी हो, जनता की सुरक्षा सबसे जरूरी है।”
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क्या होगा आगे?
Murshidabad में बढ़ती हिंसा और राष्ट्रीय मीडिया की निगाहें इस ओर टिकने के बाद अब सवाल यह उठता है कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर स्थिति को कैसे नियंत्रित करेंगी। केंद्र से अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है।