PM मोदी ने कहा है कि आज के भारत की नीति है, सारे देशों से समान रूप से नजदीकी बनाओ। जबकि इसके पहले दशकों तक भारत की नीति थी कि सारे देशों से समान दूरी बनाए रखो। आज का भारत सबसे जुड़ना चाहता है, आज का भारत सबके विकास की बात करता है, आज का भारत सबके साथ है, सबके हित की सोचता है। हमें गर्व है कि आज दुनिया भारत को विश्वबंधु के रूप में सम्मान दे रही है। आपको भी यहां यही अनुभव हो रहा है ना, मेरी जानकारी सही है ना।
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नई दिल्ली। PM मोदी ने कहा है कि आज के भारत की नीति है, सारे देशों से समान रूप से नजदीकी बनाओ। जबकि इसके पहले दशकों तक भारत की नीति थी कि सारे देशों से समान दूरी बनाए रखो। आज का भारत सबसे जुड़ना चाहता है, आज का भारत सबके विकास की बात करता है, आज का भारत सबके साथ है, सबके हित की सोचता है। हमें गर्व है कि आज दुनिया भारत को विश्वबंधु के रूप में सम्मान दे रही है। आपको भी यहां यही अनुभव हो रहा है ना, मेरी जानकारी सही है ना।
भारत माता की जय, नमस्कार, केम छो, वणक्कम, सत श्री अकाल व जिन दोबरे से किया भारतीयों का अभिवादन
प्रधानमंत्री मोदी पोलैंड के वारसॉ में लाखों भारतीयों को संबोधित कर रहे थे। मोदी इस समय पोलैंड व यूक्रेन दौरे पर हैं। उन्होंने भारतीयों का अभिवादन भारत माता की जय, नमस्कार, केम छो, वणक्कम, सत श्री अकाल व जिन दोबरे से किया। कहा कि आप सभी पोलैंड के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं, सबकी अलग-अलग भाषाएं हैं, बोलियां हैं, खान-पान हैं। लेकिन सब भारतीयता के भाव से जुड़े हुए हैं। आपने यहां इतना शानदार स्वागत किया है, मैं आप सभी का, पोलैंड की जनता का इस स्वागत के लिए बहुत आभारी हूं।
कहा कि मीडिया में बताया जा रहा है कि 45 साल बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री पोलैंड आया है। बहुत सारे अच्छे काम मेरे नसीब में ही है। कुछ महीने ही पहले मैं ऑस्ट्रिया गया था। वहां भी चार दशक बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री पहुंचा था। ऐसे कई देश हैं, जहां दशकों तक भारत का कोई प्रधानमंत्री पहुंचा नहीं है। लेकिन अब परिस्थितियां दूसरी हैं। दशकों तक भारत की नीति थी कि सारे देशों से समान दूरी बनाए रखो। आज के भारत की नीति है, सारे देशों से समान रूप से नजदीकी बनाओ।
जिसे कहीं जगह नहीं मिली, उसे भारत ने दिया सम्मान
कहा कि हमारे लिए ये geo-politics का नहीं है, बल्कि संस्कारों का, वैल्यूज़ का विषय है। जिनको कहीं जगह नहीं मिली, उनको भारत ने अपने दिल और अपनी ज़मीन, दोनों जगह स्थान दिया है। ये हमारी विरासत है, जिस पर हर भारतीय गर्व करता है। पोलैंड तो भारत के इस सनातन भाव का साक्षी रहा है। हमारे जाम साहब को आज भी पोलैंड में हर कोई, दोबरे यानि Good महाराजा के नाम से जानता है।
वर्ल्ड वॉर-2 के दौरान, जब पोलैंड मुश्किलों से घिरा हुआ था, जब पोलैंड की हजारों महिलाएं और बच्चे शरण के लिए जगह-जगह भटकते थे, तब जामसाहब, दिग्विजय सिंह रंजीत सिंह जाडेजा जी आगे आए। PM मोदी ने कहा कि यहां का कोल्हापुर मेमोरियल भी कोल्हापुर के महान राजघराने के प्रति पोलैंड की जनता का श्रृद्धाभाव है, एक ट्रिब्यूट है। महाराष्ट्राच्या नागरिकांच्या आणि मराठी संस्कृतीच्या प्रति पोलंडच्या नागरिकांनी व्यक्त केलेला हा सन्मान आहे।
मराठी संस्कृतीत मानव धर्म आचरणाला सर्वात अधिक प्राधान्य आहे। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरणा से कोल्हापुर की रॉयल फैमिली ने वलिवडे में पोलैंड की महिलाओं और बच्चों को शरण दी थी। वहां भी एक बहुत बड़ा कैंप बनाया गया था। पोलैंड की महिलाओं और बच्चों को कोई तकलीफ ना हो, इसके लिए महाराष्ट्र के लोगों ने दिन-रात एक कर दिया था। आज ही मुझे मोन्टे कसीनो मेमोरियल पर भी श्रद्धांजलि देने का अवसर मिला है।
विश्व के हर कोने में भारतीयों ने अपना कर्तव्य निभायाः मोदी
ये मेमोरियल हज़ारों भारतीय सैनिकों के बलिदान को भी, उनकी भी याद दिलाता है। ये इस बात का भी प्रमाण है कि कैसे विश्व के हर कोने में भारतीयों ने अपना कर्तव्य निभाया है। हम भारतीयों की एक पहचान empathy भी है। दुनिया के किसी देश में संकट आए, भारत पहला देश होता है जो मदद के लिए हाथ बढ़ाता है। Covid आया, 100 साल की सबसे बड़ी आपदा आई, तो भारत ने कहा- Humanity First. हमने दुनिया के 150 से ज्यादा देशों को दवाइयां और वैक्सीन भेजी। कहा कि भारत और पोलैंड के समाज में अनेक समानताएं हैं। एक बड़ी समानता हमारी डेमोक्रेसी की भी है।
भारत, mother of democracy तो है ही, एक participative और vibrant democracy भी है। भारत के लोगों का डेमोक्रेसी पर अटूट भरोसा है। ये भरोसा हमने हाल के चुनावों में भी देखा है। ये इतिहास के सबसे बड़े चुनाव थे। कहा कि आप में से काफी लोग वॉरसो यूनिवर्सिटी की मेन लाइब्रेरी में गए होंगे। वहां भगवद्गीता के उपनिषदों के आदर्श वाक्य हम सबका स्वागत करते हैं। तमिल हो, संस्कृत हो, ऐसी अनेक भारतीय भाषाओं को पढ़ने वाले यहां अनेक लोग हैं।
भारत और पोलैंड के बीच बना Social Security Agreement
भारत ने लक्ष्य तय किया है कि 2047 तक खुद को भारत, विकसित भारत बनाने का संकल्प लेकर के हमारा देश आगे बढ़ रहा है। इसलिए आज का भारत, अभूतपूर्व scale, speed और solutions पर काम कर रहा है। आज मैं एक बड़ी खुशखबरी लेकर आपके बीच आया हूं। भारत और पोलैंड दोनों देशों ने आपस में एक Social Security Agreement पर सहमति बना ली है। जिसका लाभ आप जैसे सब साथियों को होने वाला है।