देहरादून।विधानसभा भर्ती मामले में तो कभी विधानसभा में नियुक्ति किए जाने को लेकर चल रही जांचें किसी के गले नहीं उतर रही है। पहले नियम विरुद्ध नियुक्तियों के मामले में कोटिया कमेटी की जांच कराई गई। फिर इसके बाद विधानसभा सचिवालय में नियुक्ति किए जाने को लेकर भी जांच बैठाई गई। जिन पर बड़े खुलासे हो रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस पर राजनीति भी तेज हो गई है।
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विधानसभा सचिवालय में सीधी भर्ती के लिए बिना प्रक्रिया के आरएमएस कंपनी को परीक्षा कराने का ठेका दे दिया गया। प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस शिशपाल बिष्ट ने कहा कि भर्ती के एवज में कंपनी को 59 लाख रुपये भुगतान भी किया गया। यह वही कंपनी है, जिसे उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं में पेपरलीक मामले में ब्लैक लिस्ट किया गया था।
सीधी भर्ती के लिए कंपनी के चयन में प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई
यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक मामले का खुलासा होने के साथ ही विधानसभा सचिवालय में 2021 में बैकडोर को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने तीन सितंबर 2022 को पूर्व आईएएस डीके कोटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी ने जांच के दौरान पाया कि 32 पदों की सीधी भर्ती के लिए कंपनी के चयन में प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।
विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व आईएफएस जयराज को मामले की जांच सौंपी गई थी। उन्होंने पूरे मामले की जांच रिपोर्ट सौंप दी है। इसके बाद विपक्ष ये कहते हुए कटाक्ष कर रहा है कि विधानसभा भर्ती मामले में सिर्फ जांच-जांच का खेल खेला जा रहा है। इसके अतिरिक्त बीजेपी सरकार कार्रवाई के नाम पर कुछ करने को तैयार नहीं है।