लखनऊ। समाजवादी पार्टी अपने एक और बाकी विधायक की सदस्यता खत्म करने में लगातार जुटी हुई है तो वहीं पर भारतीय जनता पार्टी कि शरण में आए इन बागी विधायकों को समायोजित करने की तैयारी कर रही है इनमें से एक विधायक को विधानसभा उपाध्यक्ष भी बनाया जा सकता है खास बात यह है कि उन्हें समाजवादी पार्टी के विधायक के तौर पर इस पद पर बिठाया जा सकता है।
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इस तरह का प्रयोग पिछली विधानसभा में भी हो चुका है जब समाजवादी पार्टी का विधायक रहते हुए नितिन अग्रवाल को भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया था सूत्रों के हवाले से पता चला है कि कुछ इस तरीके का प्रयोग एक बार दोबारा फिर दोहराया जा सकता है वहीं पर खास बात यह है कि विधानसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष मे सबसे बड़े दल के पास जाता है।
समाजवादी पार्टी के मुख्य उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले अपने साथ विधायकों के ऊपर कारवाई करने के मूड में है इसके लिए हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने और बीजेपी के प्रचार प्रसार मैं शामिल होने के मामलों को भी खांगला रहा है तो वहीं पर समाजवादी पार्टी को एहसास है कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने को लेकर उनकी सदस्यता को खत्म नहीं किया जा सकता सदस्यता खत्म करने के लिए उनका भारतीय जनता पार्टी से तालमेल है यह सपा को सबूत के तौर पर पेश करना होगा समाजवादी पार्टी लगातार इन सबूतो को खोजने में जुटी है इसलिए समाजवादी पार्टी पूरा सबूत जुटाने के बाद ही विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के यहां याचिका दाखिल करेगी।