मुंबई। जहां युवा भारतीय क्रिकेट टीम शुक्रवार को डबलिन में तीन टी-20 मैचों की सीरीज के पहले मैच में आयरलैंड से भिड़ेगी। वहीं एक शख्स जिस पर सबसे ज्यादा फोकस रहेगा। वो हैं जसप्रीत बुमराह।
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एक समय भारतीय तेज आक्रमण के सिरमौर रहे बुमराह ने पीठ के निचले हिस्से में स्ट्रेस फ्रैक्चर के चलते पिछले साल का अधिकांश समय साइडलाइन पर बिताया है। बुमराह 326 दिनों के अंतराल के बाद ‘मेन इन ब्लू’ के साथ वापस आएंगे। उन्होंने आखिरी बार क्रिकेट सितंबर 2022 में खेला था।
बुमराह टी-20 में भारत का नेतृत्व करने वाले 11वें कप्तान बन जाएंगे। ऐसे में क्या इससे अनुभवी तेज गेंदबाज पर अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा ? पूर्व बीसीसीआई चयनकर्ता सबा करीम ने एक दिलचस्प बात कही। यह टी-20 फॉर्मेट है। मुझे नहीं लगता कि इससे उन पर ज्यादा बोझ पड़ेगा। इससे उसे अपने शरीर को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यह एक ऐसा मौका है जहां योगदान देकर उन्हें खुशी होगी।
उनके पास बहुत सारा अनुभव है। इससे उन्हें मदद मिलेगी। एक सवाल पर करीम ने कहा कि प्रबंधन अधिक है। मुझे नहीं लगता कि यह अभी तक उस स्तर पर आया है। मुझे लगता है कि भारतीय चयनकर्ता और टीम प्रबंधन जसप्रीत बुमराह के फिटनेस स्तर को लेकर अधिक चिंतित हैं। यही कारण है कि उन्हें टीम में चुना गया है।