नई दिल्ली। अभी कुछ वक्त पहले की बात रही होगी। जब रविचंद्रन अश्विन ने अपने बयान से इंडियन क्रिकेट फैंस को शॉक कर दिया था। उन्होंने कहा था कि भारतीय खिलाड़ी ‘दोस्तों की तुलना में अधिक सहयोगी’ हैं। जबकि खुद अश्विन को टीम इक्वेशन में कुछ भी नेगेटिव नहीं लगता है।
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कुछ पूर्व क्रिकेटर भी यह देखकर आश्चर्यचकित थे कि पिछले कुछ सालों में टीम के भीतर चीजें कैसे डेवलप हुई हैं। इस टॉपिक पर फिर से बात करते हुए अश्विन ने कहा कि उन्होंने जो कहा और लोग जो समझ रहे हैं। उसमें कुछ अंतर है। उन्होंने यह भी बताया कि आजकल भारतीय खिलाड़ियों के लिए दोस्त बने रहना क्यों मुश्किल हो गया है।
मैंने जो कहा और जो लोग समझ रहे हैं, वह पूरी तरह से अलग है। मेरे कहने का मतलब यह था कि पहले दौरे लंबे होते थे। इस वजह से दोस्ती की गुंजाइश अधिक होती थी। लेकिन इन दिनों हम लगातार खेल रहे हैं। अलग-अलग प्रारूप, अलग-अलग टीमें।
उन्होंने आगे कहा “एक बात जो मैंने हमेशा मानी है वह यह है कि जब आप अलग-अलग टीमों के लिए खेल रहे होते है। उस स्थिति में दोस्त बने रहना बहुत मुश्किल होता है।