जयपुर, 7 फ़रवरी। राजस्थान में अध्यापक पात्रता परीक्षा (REET) में धांधली को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए रीट लेवल 2 की परीक्षा को निरस्त कर दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला करने के बाद मीडिया के सामने रीट लेवल 2 की परीक्षा को निरस्त करने की घोषणा की। इसकी परीक्षा दोबारा करवाई जाएगी। अब परीक्षा दो चरणों में आयोजित होगी। अब खाली पदों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। जिसके तहत 62 हजार पदों पर परीक्षा का आयोजन होगा। रीट पेपर लीक मामले में विपक्ष लगातार परीक्षा रद्द करने और CBI जांच की मांग करता आ रहा था।
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रीट परीक्षा में गड़बड़ी की जांच SOG कर रही है। हमारी सरकार हर दोषी को सजा दिलाकर युवाओं के साथ न्याय सुनिश्चित करेगी।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 7, 2022
पहले की तरह ही एलिजिबिलिटी टेस्ट होंगे
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सीएम गहलोत ने कहा कि लेवल फर्स्ट में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई और ना ही शिकायत हुई है, इसलिए केवल रीट लेवल 2 का ही पेपर निरस्त किया जाएगा। गहलोत ने कहा कि रीट लेवल वन और लेवल 2 मिलाकर अब पदों की संख्या कुल 62 हजार हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अब पहले की तरह ही एलिजिबिलिटी टेस्ट लेंगे। वेलिडिटी आजीवन ही रहेगी। फिर शिक्षक भर्ती के विषयवार अलग से एग्जाम करवाए जाएंगे। एलिजिबिलिटी टेस्ट के बाद ही भर्ती परीक्षा होगी। जस्टिस व्यास की अध्यक्षता वाली कमेटी की 15 मार्च तक रिपोर्ट आएगी। रिपोर्ट मिलते ही एग्जाम की तारीख बता देंगे। इसके अलावा विधानसभा सत्र में नकल रोकने को कड़ा कानून लेकर आएंगे।
सीएम गहलोत ने बीजेपी को घेरा
मुख्यमंत्री ने रीट मसले पर विपक्ष को भी जमकर घेरा और कहा कि जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है वो खतरनाक है। ये गैंगवार की लड़ाई है। अगर उन्हें पहले पता था तो उन्हें सरकार को अवगत करवाना चाहिए था ताकि परीक्षा से पहले ही एहतियात कदम उठाए जा सकते हैं। गहलोत ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, हिमाचल सहित कई राज्यों में पेपर लीक की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये सब ठीक नहीं है, चाहे कहीं भी पेपर लीक हो इस पर रोक लगनी चाहिए। हमने इसके लिए कई एहतियाती कदम भी उठाए हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बीजेपी को 3 साल के कांग्रेस के शासन से फ्रस्ट्रेशन हो गया है, अब तो बीजेपी हाईकमान भी स्थानीय इकाई को कह रहा है कि आप कर क्या रहे हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इस फैसले से खुश नहीं हैं, लेकिन BJP की हरकतों से तंग आ गए हैं। जिस तरह का माहौल बनाया गया है, वो राज्य के लिए ठीक नहीं है। हमने बच्चों के भविष्य के लिए ये फैसला किया है।
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के हाथ में मामला
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पेपर लीक की खबर आते ही सरकार ने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के हाथ में मामला दिया था। तह तक जाकर जांच की गई। बीजेपी ने रीट को इश्यू बनाया, वो सही नहीं है। पब्लिक इंट्रेस्ट के मामले को ही इश्यू बनाना चाहिए। एसओजी पता करे कि अगर किसी के पास से क्राइम की जानकारी मिली है तो वो भी क्राइम में भागीदार है। पेपर लीक को लेकर गैंगवार चल रहा है और आप ये बताएं कि आप किस गैंग से मिले हुए हैं। एसओजी के मुताबिक पेपर लीक मामले में 300 से अधिक लोग शामिल होंगे। बीजेपी का एजेंडा है कि राजस्थान सरकार को बदनाम करो। ये एजेंडा दिल्ली से चलकर आया है। पेपर लीक होने के हालात चिंताजनक बन रहे हैं। अब रोजगार की स्थिति विस्फोटक बनती जा रही है। सभी सरकारों के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। इंवेस्टमेंट्स आ नहीं रहा और कोरोना चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसओजी पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। एसओजी के खुलासे के बाद सरकार ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष बर्खास्त और सचिव को सस्पेंड कर दिया था। इसके अलावा कई अन्य कार्मिकों को भी निलंबित किया गया था।
गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोपों को खारिज किया
मौके पर मौजूद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने रीट पेपर लीक मामले में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकारते हुए विपक्ष को चुनौती दी कि अगर इस मामले में मैं या मेरे परिवार का कोई सदस्य शामिल पाया गया तो मैं और मेरे परिवार में से कोई भी जीवनभर राजनीति नहीं करेगा। उन्होंने खुलासा किया कि रीट में मेरे परिवार का कोई भी सदस्य पास नहीं हुआ। इस पर गहलोत बोले, ये तो बता दो कि आपके कितने लोग फेल हुए तो डोटासरा ने बताया कि मेरे परिवार के 13 लोगों ने परीक्षा दी और एक भी पास नहीं हुआ। राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा मंत्री सुभाष गर्ग के पीएसओ के रीट में पास होने का दावा कर रहे हैं, उसके 150 में से 29 नंबर आए है। किरोड़ी झूठ बोल रहे हैं।
गौरतलब है कि 26 और 27 सितंबर को रीट का आयोजन किया गया था। इसमें करीब 23 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। रीट कुल 32 हजार पदों के लिए हुई थी। लेवल-1 के 15 हजार 500 और लेवल-2 के 16 हजार 500 पद थे, लेकिन परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो गया था। एसओजी रामकृपाल, उदयलाल, भजनलाल, बत्तीलाल और पृथ्वीलाल समेत 35 से ज्यादा लोगों को इस मामले में गिरफ्तार कर चुकी है।