नूंह। नूंह हिंसा के 10 दिन बाद प्रशासन के आदेश पर शुक्रवार को जिले के सरकारी और प्राइवेट स्कूल खुल गए। जिससे निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे, अध्यापक और स्कूल संचालकों के चेहरे पर रौनक लौट आई।
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हालांकि, सरकारी स्कूलों में पहले जैसी चहल-पहल नहीं दिखी। 31 जुलाई को नूंह में भड़की हिंसा के बाद से स्कूल, कॉलेज बंद थे। जिला में कर्फ्यू लगा दिया गया था। सब कुछ बंद था। अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। 10 दिन बाद प्रशासन ने शिक्षण संस्थानों को खोलने का फैसला लिया है।
अध्यापक अय्यूब खान और मुबारिक हुसैन का कहना है कि 10 दिन स्कूल बंद होने से बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है। उनका कहना है कि प्रशासन ने अचानक ही स्कूल बंद करने के आदेश दे दिए थे, जिस कारण बच्चों को वे छुट्टियों में काम करने का होमवर्क भी नहीं दे सके, जिससे बच्चे अपनी पढ़ाई की तैयारी कर सकें।
उन्होंने कहा अब स्कूल खुले हैं और जो पढ़ाई का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करने की पूरी कोशिश की जाएगी। वहीं, दोनों अध्यापकों का कहना है कि मेवात में आपसी भाईचारा सदियों पुराना है। यहां हर समाज के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं, लेकिन नूंह की घटना से इलाके में काफी नुकसान हुआ है