उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को गोरखपुर, बस्ती, संत कबीर नगर और सिद्धार्थ नगर जिलों के बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वे किया. राज्य के 21 जिलों के सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य में गंगा, शारदा, घाघरा, राप्ती और कुआनो समेत अनेक नदियां उफान पर हैं और विभिन्न जिलों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
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राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वे करने के बाद प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनका हाल जाना. साथ ही उन्हें राहत सामग्री भी वितरित की. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अप्रत्याशित बाढ़ के संकट में केंद्र और राज्य सरकार प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया हैं कि सभी प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री वितरित की जाए. साथ ही राहत एवं बचाव कार्य के लिए नाव एवं ‘मोटर बोट’ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए.
पीड़ित परिवार को दी जाएगी 4 लाख रुपये की मदद
प्रवक्ता ने आग बताया कि सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा है कि बाढ़ या अन्य आपदा से मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपये की सहायता दी जाए. मुख्यमंत्री ने संत कबीर नगर में धनघटा तहसील क्षेत्र में नदी तटबंध के उस पार रहने वाले लोगों को हर साल बाढ़ आपदा की स्थिति से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर बसाने की कार्य योजना बनाने के भी निर्देश दिए.
राज्य के 21 जिले बाढ़ प्रभावित
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वर्तमान में प्रदेश के 21 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, गोण्डा, बहराइच, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, आजमगढ़, महराजगंज, बरेली, बस्ती, संत कबीर नगर, अयोध्या, मऊ, कुशीनगर, बलिया, अम्बेडकर नगर, पीलीभीत, देवरिया तथा शाहजहांपुर शामिल हैं. गंगा नदी बदायूं (कचला ब्रिज) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं, शारदा नदी लखीमपुर खीरी (पलियाकलां एवं शारदानगर) में, घाघरा नदी बाराबंकी (एल्गिन ब्रिज), अयोध्या और बलिया (तुर्तीपार) में, राप्ती नदी बलरामपुर, सिद्धार्थनगर (बांसी) और गोरखपुर (रिगौली व बर्ड घाट) में, बूढ़ी राप्ती नदी सिद्धार्थनगर (ककरही) एवं कुन्हरा नदी सिद्धार्थ नगर (उसका बाजार), रोहिन नदी महराजगंज (त्रिमोहिनीघाट) और कुआनो नदी गोण्डा (चन्द्रदीप घाट) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.