देहरादून। राजधानी देहरादून में उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस गुरुवार को धूमधाम से मनाया गया। पुलिस लाइन में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य के लिए अपनी प्राण देने वाले शहीदों को नमन किया। इसके अलावा प्रदेशभर में जगह-जगह रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।
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देहरादून शहीद स्मारक पहुंचकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीदों को अर्पित किए श्रद्धासुमन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सबसे पहले देहरादून शहीद स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद वह भी पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में जवानों में शानदार परेड निकाली।
पारंपरिक संगीत और लोकनृत्य ने कार्यक्रम में बांधा समा
इस दौरान अलग-अलग थीम पर आधारित झांकियों ने मन मोहा। पारंपरिक संगीत और लोकनृत्य ने कार्यक्रम में समा बांधा। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि अपनी अलग पहचान स्थापित करने और अपने विकास का रास्ता तय करने का उत्तराखंड के निवासियों का सपना आज ही के दिन पूरा हुआ था। कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि नई पहचान के साथ उत्तराखंड के परिश्रमी लोगों ने राज्य के लिए विकास और प्रगति के शिखर पर अपने कदम जमाए हैं।
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राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान शिव और भगवान विष्णु के आशीर्वाद-स्वरूप देवालयों से पवित्र उत्तराखंड को ‘देव-भूमि’ कहने की परंपरा वंदनीय है। साथ ही पर्वतराज हिमालय की पुत्री देवी पार्वती एवं शक्ति के अन्य पूजनीय स्वरूपों से ऊर्जा प्राप्त करने वाली व गंगा-यमुना जैसी नदी-माताओं के स्नेह से सिंचित यह पावन धरती ‘देवी-भूमि’ भी है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने उत्तराखंड की अलग पहचान और स्थापना के लिए संघर्ष करने वाली स्वर्गीय सुशीला बलूनी को भी याद किया। कहा कि सुशीला बलूनी का अदम्य साहस यहां की महिलाओं की गौरवशाली परंपरा के अनुरूप था। देहरादून शहीद स्मारक पहुंचकर सुबह सबसे पहले सीएम धामी ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वह पुलिस लाइन में राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए।