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अयोध्या आतंकी हमले के खिलाफ मुस्लिम संगठनों का विरोध प्रदर्शन, कहा- आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता

अयोध्या में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर के मुस्लिम संगठनों ने एकजुट होकर इसका कड़ा विरोध किया। लखनऊ, कानपुर, पटना और दिल्ली समेत कई शहरों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। वक्ताओं ने कहा कि आतंकवाद इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।

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अयोध्या हमले के खिलाफ मुस्लिम संगठनों की एकजुटता, दिया कड़ा संदेश

अयोध्या में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। जहां एक ओर केंद्र और राज्य सरकारें सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने में जुटी हैं, वहीं दूसरी ओर देश के प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने इस हमले की सख्त निंदा करते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा-ए-हिंद, मुस्लिम मजलिसे मशवरा जैसे संगठनों ने लखनऊ, दिल्ली, भोपाल, हैदराबाद और कोलकाता में विरोध मार्च निकालते हुए यह साफ किया कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता। उन्होंने मांग की कि जो भी इस घिनौनी घटना में शामिल हैं, उन्हें जल्द से जल्द पकड़कर कड़ी सजा दी जाए।

“इस्लाम अमन का पैगाम देता है”

प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर यह संदेश दिया कि इस्लाम कभी भी किसी तरह की हिंसा या आतंक की इजाजत नहीं देता। मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, जो कि लखनऊ के प्रमुख धर्मगुरु हैं, उन्होंने कहा, “इस्लाम अमन, इंसाफ और मोहब्बत का धर्म है। अयोध्या जैसे पवित्र स्थल पर हमला एक शर्मनाक और निंदनीय कृत्य है, जिसे हम किसी भी हाल में स्वीकार नहीं कर सकते।”

युवाओं को भड़काने की साजिश नाकाम करें

प्रदर्शन में यह भी अपील की गई कि समाज के सभी तबके खासकर मुस्लिम युवाओं को किसी भी कट्टरपंथी सोच से बचाया जाए। उन्होंने कहा कि आतंकी संगठनों की कोशिश होती है कि वे युवाओं को भटका कर अपने मंसूबों में शामिल करें, लेकिन ऐसे एजेंडे को हम कभी कामयाब नहीं होने देंगे।

वक्ताओं ने यह भी मांग की कि केंद्र सरकार साइबर मॉनिटरिंग, मदरसों में आधुनिक शिक्षा, और समाज में जागरूकता अभियान चलाकर आतंक के खिलाफ ठोस कदम उठाए।

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विपक्ष और सिविल सोसाइटी का समर्थन

इस विरोध प्रदर्शन को कई सिविल सोसाइटी समूहों और विपक्षी दलों का भी समर्थन मिला। कांग्रेस, आप, राजद और सपा जैसी पार्टियों ने मुस्लिम संगठनों के रुख की सराहना की और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस तरह की एकता की मिसाल देश की ताकत है।

सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग

प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम नेताओं ने यह भी कहा कि केवल निंदा करने से काम नहीं चलेगा। सरकार को चाहिए कि वह इस हमले के पीछे के रूट काज़ को समझे और सुरक्षा व्यवस्था, इंटेलिजेंस नेटवर्क, और आतंकी फंडिंग पर रोक जैसे मुद्दों पर तत्काल कदम उठाए।

देश की जनता अब सिर्फ आश्वासन नहीं चाहती, बल्कि परिणाम देखना चाहती है।

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