पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीज़फायर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की विश्वसनीयता इतनी गिर चुकी है कि अब उसके अपने नागरिक भी उस पर भरोसा नहीं करते। यह बयान ऐसे समय में आया है जब सीमाओं पर शांति बनाए रखने की कोशिशें की जा रही हैं।
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भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम (Ceasefire) को लेकर भले ही कूटनीतिक चर्चाएं चल रही हों, लेकिन इसपर भारतीय राजनीति में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, “अब तो खुद पाकिस्तानियों को पाकिस्तान पर भरोसा नहीं रहा है, तो भारत कैसे भरोसा करे?” यह बयान न सिर्फ दो देशों के संबंधों पर सवाल खड़े करता है, बल्कि भारत की विदेश नीति को लेकर सतर्कता की ज़रूरत को भी उजागर करता है।
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि पाकिस्तान का इतिहास आतंकवाद, धोखे और सैन्य चालबाजियों से भरा रहा है। भारत जब-जब शांति की बात करता है, पाकिस्तान उसका गलत फायदा उठाने की कोशिश करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को लेकर किसी भी प्रकार की “छूट” या “सॉफ्ट पॉलिसी” भारत के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
हाल ही में दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच सीज़फायर पर सहमति बनी है, जिसके तहत नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर फायरिंग रोकने की बात हुई है। लेकिन राजीव चंद्रशेखर ने इस समझौते की आलोचना करते हुए कहा कि भारत को पाकिस्तान के वादों पर भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि उसका पिछला रिकॉर्ड धोखेबाज़ी से भरा हुआ है।
उन्होंने कहा, “यह कोई नई बात नहीं है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय दबाव में आकर कुछ समय के लिए दिखावटी शांति अपनाता है और फिर पीठ पीछे वार करता है। हमारे सैनिकों ने हमेशा इसका खामियाज़ा भुगता है।”
चंद्रशेखर ने पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि देश खुद भारी राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संकटों से जूझ रहा है। “जब देश के अपने लोग, वहां की सरकार और सेना पर भरोसा नहीं करते, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय क्यों करेगा?” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता और सेना की सत्ता में दखल ने इसे एक “विश्वसनीयता विहीन राष्ट्र” बना दिया है।
राजीव चंद्रशेखर ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह “नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति बनाए रखते हुए किसी भी उल्लंघन पर तुरंत और कड़ा जवाब दे।” उन्होंने सेना को पूरी छूट देने की बात करते हुए कहा कि “दूसरा देश शांति के काबिल तभी है जब वह खुद को शांतिपूर्ण साबित करे। पाकिस्तान फिलहाल ऐसा कोई देश नहीं है।”
चंद्रशेखर के बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। कई यूज़र्स ने उनके बयान को देशहित में स्पष्ट और आवश्यक बताया, तो कुछ ने इसे एक राजनीतिक रणनीति कहा। लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते आज भी अविश्वास के साए में खड़े हैं।