भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते भारत सरकार ने एहतियातन देश के 24 एयरपोर्ट्स को बंद करने का बड़ा फैसला लिया है। साथ ही सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। यात्रियों की जांच प्रक्रिया में बढ़ोतरी की गई है और सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर भारत सरकार ने 24 प्रमुख हवाई अड्डों को एहतियात के तौर पर अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। यह फैसला गृह मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की संयुक्त उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिया गया है। दिल्ली, अमृतसर, जम्मू, श्रीनगर, पठानकोट जैसे संवेदनशील ज़ोन के एयरपोर्ट्स में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इस कदम का उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा और संभावित खतरों को रोकना है।
बंद किए गए एयरपोर्ट्स के अलावा, अन्य चालू हवाई अड्डों पर यात्रियों की सुरक्षा जांच को अत्यधिक सख्त कर दिया गया है। सभी प्रवेश द्वारों पर मल्टी-लेयर चेकिंग शुरू हो चुकी है और बायोमेट्रिक पहचान अनिवार्य कर दी गई है। CISF और राज्य पुलिस बलों को संयुक्त रूप से तैनात किया गया है। यात्री अब अपनी उड़ानों से पहले अतिरिक्त समय निकालकर एयरपोर्ट पर पहुंचें, यह सलाह दी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान की तरफ से संभावित घुसपैठ या आतंकी साजिश के इनपुट मिले हैं। इसी के चलते सभी प्रमुख एयरपोर्ट्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है। ड्रोन गतिविधियों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है और हवाई सीमा में नो-फ्लाइ ज़ोन लागू किया गया है। सेना और वायुसेना को भी रणनीतिक रूप से तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
हवाई सफर करने वाले यात्रियों में जहां असुविधा को लेकर थोड़ी चिंता है, वहीं सरकार के फैसले को सुरक्षा की दृष्टि से सही ठहराया जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि जीवन से बढ़कर कोई सुविधा नहीं होती। एयरपोर्ट्स पर अतिरिक्त स्टाफ यात्रियों को मार्गदर्शन देने के लिए तैनात किया गया है और सभी फ्लाइट ऑपरेटर्स को सूचना प्रेषित कर दी गई है।
रक्षा और विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे वक्त में जब सीमा पार से खतरे बढ़ रहे हैं, तो एहतियातन ऐसे फैसले बेहद जरूरी हैं। अगर खुफिया इनपुट्स मिल रहे हैं तो सरकार का कर्तव्य बनता है कि आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि यह बंदी स्थायी नहीं बल्कि अस्थायी है और स्थिति सामान्य होते ही हवाई सेवाएं बहाल की जाएंगी।
सिर्फ सुरक्षा स्तर पर ही नहीं, भारत सरकार ने राजनयिक स्तर पर भी पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस मामले की जानकारी दी गई है। भारत का रुख साफ है — अगर देश की सुरक्षा से कोई समझौता हुआ तो उसका जवाब कड़ी कार्रवाई से दिया जाएगा।
भारत सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। आतंकवाद और घुसपैठ की किसी भी कोशिश को रोकने के लिए सरकार ने जो कदम उठाए हैं, वो जरूरी और समय के अनुसार सही हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करें।