महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मनसे प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात ने राज्य की सियासत में हलचल पैदा कर दी है। दोनों नेताओं की यह बैठक ऐसे समय हुई जब आगामी लोकसभा चुनावों की रणनीति जोर पकड़ रही है। इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई अटकलें लगाई जा रही हैं।
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मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में एक और दिलचस्प मोड़ आया जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, बुधवार शाम मनसे प्रमुख राज ठाकरे से उनके निवास पर मिलने पहुंचे। यह मुलाकात लगभग एक घंटे तक चली और सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच आगामी लोकसभा चुनाव 2024, मराठी मतदाता, और मुंबई महानगर पालिका चुनाव को लेकर चर्चा हुई।
इस बैठक को लेकर राजनीतिक गलियारों में जबरदस्त चर्चा शुरू हो गई है, क्योंकि दोनों नेताओं की यह नजदीकी आगामी गठबंधन समीकरणों को प्रभावित कर सकती है। खासकर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और बीजेपी की राजनीति पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है।
राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे की मुलाकात को लेकर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) को आगामी चुनावों में शिंदे गुट और बीजेपी के साथ लाया जा सकता है। इससे न सिर्फ मराठी वोट बैंक मजबूत होगा, बल्कि उद्धव ठाकरे गुट को भी चुनौती मिलेगी।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में हिंदुत्व के मुद्दे, राज्य की कानून व्यवस्था, और मराठी भाषी लोगों के अधिकार जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई। राज ठाकरे पहले भी कई बार हिंदुत्व और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर अपना समर्थन जाहिर कर चुके हैं।
राज ठाकरे का बीजेपी या शिंदे गुट के करीब आना महाराष्ट्र की राजनीतिक तस्वीर को पूरी तरह बदल सकता है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना अभी भी अपनी पहचान मजबूत करने में जुटी है, और मनसे का समर्थन मिलने से उसे मुंबई, ठाणे और पुणे जैसे शहरी क्षेत्रों में बढ़त मिल सकती है।
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. नीलिमा देशमुख के अनुसार, “यह मुलाकात सिर्फ शिष्टाचार नहीं है। यह संभावित गठबंधन की नींव है जो अगले चुनाव में एक बड़ा फैक्टर बन सकता है।”
उद्धव ठाकरे गुट और कांग्रेस-एनसीपी इस मुलाकात को एक सोची-समझी चाल बता रहे हैं। शिवसेना (उद्धव) के नेता आदित्य ठाकरे ने इशारों में कहा कि “कुछ लोग सत्ता के लालच में अपने सिद्धांतों से समझौता कर रहे हैं।”
कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि “यह सब दिखाता है कि बीजेपी और शिंदे गुट की जमीनी पकड़ कमजोर हो रही है, इसलिए उन्हें नए-नए साथियों की तलाश है।”
ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #EknathShinde, #RajThackeray, #MNS, और #MaharashtraPolitics ट्रेंड कर रहे हैं। लोग इस मुलाकात को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं — कुछ इसे मराठी अस्मिता का गठजोड़ बता रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक अवसरवादिता मान रहे हैं।
राज ठाकरे ने अब तक इस मुलाकात पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही वे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करेंगे। अगर मनसे औपचारिक तौर पर शिंदे-बीजेपी गुट का समर्थन करती है, तो यह महाराष्ट्र के चुनावी समीकरणों को नया आकार दे सकता है।