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Accused Of Jahangirpuri : जहांगीरपुरी हिंसा के आरोपियों का डिलीट डाटा हासिल करेगी IFSO यूनिटस, हो सकते हैं कई खुलासे

By इंडिया वॉइस 

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नई दिल्ली , 21 अप्रैल। दिल्ली के उत्तर पश्चिमी जिले जहांगीरपुरी हिंसा मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को शक है कि आरोपियों ने अपने मोबाइल फोन से डाटा डिलीट कर दिया है। इसलिए पुलिस इन मोबाइल फोनों की जांच इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटजिक ऑपरेशंस (IFSO) को सौंप दिया है। ये यूनिट अब मामले की जांच कर ये पता लगाएगी कि इन मोबाइल से कब और कौन सा डाटा डिलीट किया गया। इतना ही नहीं पुलिस इन डिलीट किए गए डाटा को हासिल भी करेगी।

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कई सवालों के जवाब चाहती है दिल्ली पुलिस

IFSO यूनिट दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम की विशेष यूनिट है। इस यूनिट के पास कुछ ऐसे साफ्टवेयर हैं, जिसकी मदद से दिल्ली पुलिस फोन से डिलीट किए गए डाटा को भी रिस्टोर कर सकती है। दरअसल मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ये जानना चाहती है कि गिरफ्तार आरोपियों में आपस में क्या कनेक्शन है? और किन-किन आरोपियों ने हिंसा के दौरान एक दूसरे से संपर्क किया और किसने हिंसा के पहले और बाद में संपर्क में किया?।

गिरफ्तार 23 में से 9 का है आपराधिक रिकॉर्ड

आरोपियों की पृष्ठभूमि की जांच करने के बाद ये देखा गया है कि गिरफ्तार किए गए 23 आरोपियों में से 9 का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। पुलिस की तरफ से हिंसा को रोकने की पूरी कोशिश की गई थी और फिलहाल CCTV की जांच की जा रही है। पहचाने गए संदिग्धों की धर-पकड़ में पुलिस की कई टीमें जुटी हुई हैं।

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साजिश के तहत हिंसा करने की जांच

मामले की जांच में जुटी पुलिस का कहना है कि जिस तरह से अचानक ही करीब डेढ़ हजार लोग मौके पर पूरी तैयारी के साथ पहुंच गए, उससे तो ये आशंका जताई जा रही है कि साजिश के तहत वारदात को अंजाम दिया गया है। बहरहाल पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है। इतना ही नहीं हिंसा को काबू करने के बाद पुलिस ने जब जांच शुरू की और आसपास लगे CCTV फुटेज को लेना शुरू किया तो ये पता चला कि इलाके में लगे कई CCTV के तार काट दिए गए हैं जबकि कई को तोड़ा भी गया है। ये साजिश की तरफ ही इशारा करता है। इसका मतलब ये था कि आरोपियों ने साजिश के तहत ही CCTV के तार काटे और तोडे़ भी, ताकि उनका कोई सुराग पुलिस को ना मिले और पुलिस उन तक ना पहुंच सके।

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