Delhi air pollution: Delhi-NCR में हवा की गुणवत्ता सुधार दिखाने के एक दिन बाद गुरुवार को 249 AQI के साथ ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार की सुबह राष्ट्रीय राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 249 दर्ज किया गया. इस दौरान दिल्ली में आज सुबह धुंध की परत छाई रही और विजिबिलिटी भी कम हो गई. साथ ही लोगों को सुबह-सुबह ठंड का एहसास हुआ.
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में घना कोहरा छाया रहा और धुंध की मोटी चादर में राजधानी दिल्ली लिपटी दिखी. इस दौरान लोगों को लाइट ऑन करके गाड़ी चलाते देखा गया और राहगीरों को काफी सावधानी से सड़क पार करते देखा गया. बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 ‘मध्यम’, 201 से 300 ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई ‘गंभीर’ माना जाता है.
एक्यूआई गुरुग्राम में 235, नोएडा में 300 और आईआईटी दिल्ली में 266 था, सभी खराब श्रेणी में थे। सफर के मुताबिक, दिल्ली में आज सुबह समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 249 रहा। दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर मंगलवार को ‘बहुत खराब’ से ‘खराब’ श्रेणी में आ गया क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में एक्यूआई 221 दर्ज किया गया।
आपको बता दें कि, राजधानी में बुधवार को लगातार तीसरे दिन वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई थी. जिसके शुक्रवार तक ‘बेहद खराब’ श्रेणी में जाने की आशंका है. दिल्ली में बुधवार को एक्यूआई 264 दर्ज किया गया, जो मंगलवार को 227 था. सोमवार को एक्यूआई 294 और रविवार को 303 दर्ज किया गया था. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि अगले दो से तीन दिनों में तापमान में दो डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आने का अनुमान है.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में बुधवार को पराली जलाने की 1,358 घटनाएं हुई, जबकि मंगलवार को यह महज 141 थी. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ के मुताबिक, दिल्ली में पीएम2.5 कणों से होने वाले प्रदूषण में पराली जलाने की घटनाओं का योगदान बुधवार को चार प्रतिशत था.
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वायु गुणवत्ता में सुधार के मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सोमवार को प्राधिकारियों को दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में चरणबद्ध कार्रवाई कार्य योजना (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत पाबंदियों को फौरन हटाने का निर्देश दिया था. दिल्ली-एनसीआर में जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर सभी निर्माण तथा विध्वंस कार्यों पर प्रतिबंध था.