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BJP के सांसद सुधांशु त्रिवेदी का ममता बनर्जी पर बड़ा हमला: लोकतंत्र की गरिमा पर उठाए गंभीर सवाल

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने ममता सरकार पर लोकतांत्रिक मूल्यों के हनन और तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने बंगाल की कानून-व्यवस्था और अल्पसंख्यक तुष्टीकरण पर भी सवाल खड़े किए।

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भारतीय राजनीति में बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर कोई नया नहीं है, लेकिन जब वरिष्ठ और अनुभवी नेता अपने शब्दों से लोकतंत्र की मर्यादा पर सवाल उठाते हैं, तो उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख चेहरे और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ एक बड़ा बयान देकर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।

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त्रिवेदी ने ममता सरकार की कार्यशैली, कानून-व्यवस्था की स्थिति, और वोट बैंक की राजनीति पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में “लोकतंत्र के नाम पर तानाशाही” चलाई जा रही है और राज्य सरकार लोकतंत्र की मर्यादा का बार-बार उल्लंघन कर रही है।

ममता सरकार पर ‘लोकतांत्रिक तानाशाही’ का आरोप

सुधांशु त्रिवेदी ने ममता बनर्जी की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि “जो सरकार खुद को जन-हितैषी बताती है, वह असहमति की आवाज़ों को कुचलने में विश्वास रखती है। पश्चिम बंगाल में विपक्षी दलों को बोलने की स्वतंत्रता नहीं दी जाती। वहाँ की स्थिति लोकतंत्र से कहीं अधिक तानाशाही जैसी लगती है।”

उन्होंने दावा किया कि बंगाल में सरकार चुनिंदा समुदायों को खुश करने के लिए नीतियां बनाती है, और इससे बहुसंख्यक समाज की उपेक्षा होती है। यह राजनीति न सिर्फ समाज में विभाजन करती है, बल्कि देश की एकता और अखंडता के लिए भी खतरा है।

कानून-व्यवस्था पर भी उठाए सवाल

त्रिवेदी ने पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि “राज्य में पुलिस प्रशासन राजनीतिक दबाव में काम करता है। अपराधियों को संरक्षण मिलता है और आम जनता को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। यह स्थिति किसी भी संवेदनशील सरकार के लिए शर्मनाक होनी चाहिए।”

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उन्होंने बलात्कार, हत्या और दंगों की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में कार्रवाई केवल प्रतीकात्मक होती है, ताकि लोगों का गुस्सा शांत किया जा सके, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बड़ा सुधार नहीं होता।

‘वोट बैंक की राजनीति’ पर तीखा कटाक्ष

सुधांशु त्रिवेदी ने ममता बनर्जी की राजनीति को “वोट बैंक आधारित” बताते हुए कहा कि “जिस राज्य की सरकार केवल एक विशेष वर्ग को खुश करने के लिए शासन करती है, वहाँ लोकतंत्र नहीं, बल्कि तुष्टीकरण की तानाशाही चलती है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि ममता सरकार ने कई बार ऐसे फैसले लिए हैं जो केवल एक वर्ग विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए थे, जिससे दूसरे समुदायों में असंतोष बढ़ा है।

भाजपा का इरादा ‘वास्तविक परिवर्तन’ लाने का

त्रिवेदी ने स्पष्ट किया कि भाजपा का उद्देश्य बंगाल में नकारात्मक राजनीति को खत्म कर एक सकारात्मक और विकासशील वातावरण तैयार करना है। उन्होंने कहा कि “हम ममता सरकार के विरोध में इसलिए हैं क्योंकि वहाँ की नीतियाँ जनता विरोधी हैं। भाजपा बंगाल की जनता को सम्मान, सुरक्षा और विकास देना चाहती है।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि भाजपा आने वाले समय में पश्चिम बंगाल के हर नागरिक की आवाज़ बनेगी और वहाँ “जनता का शासन” बहाल किया जाएगा, न कि किसी व्यक्ति विशेष का।

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