रांची, 23 जून 2022 : भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक यानी की CAG ने झारखंड के सांसद निशिकांत दुबे के पत्र को संज्ञान में लिया है। ऐसा दावा खुद गुड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने किया है। उनके अनुसार झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन व उनके भाई बसंत सोरेन के खिलाफ चल रहे माइनिंग लीज व शैल कंपनियों के केस पर वकीलों की फीस पर हो रही मोटी रकम के पूरे खर्च का ऑडिट कैग ने कराने का निर्णय लिया है।
पढ़ें :- जम्मू में बाढ़ की तबाही: इंसान, जानवर और जीवन-यापन सब कुछ संकट में
निशिकांत दुबे ने क्या ट्वीट किया
बुधवार को भाजपा सांसद ने सीएम के द्वारा अवैध माइनिंग व अन्य मामले पर वरिष्ठ वकीलों की फीस पर हो रहे खर्च पर कई सवाल खड़े करते हुए CAG को एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था “झारखंड में चाहे मेरा केस हो, मुख्यमंत्री जी का व्यक्तिगत केस हो,उनके भाई का केस हो,चुनाव आयोग से लेकर हाईकोर्ट,सुप्रीम कोर्ट तक सिब्बल जी,रोहतगी जी,सिंघवी जी,नारीमन जी,दवे जी जैसे वकीलों का पैसा सरकार किस आधार पर और क्यों दे रही है? आज CAG को पत्र भेजकर ऑडिट व जॉंच की मॉंग की”
झारखंड में चाहे मेरा केस हो, मुख्यमंत्री जी का व्यक्तिगत केस हो,उनके भाई का केस हो,चुनाव आयोग से लेकर हाईकोर्ट,सुप्रीम कोर्ट तक सिब्बल जी,रोहतगी जी,सिंघवी जी,नारीमन जी,दवे जी जैसे वकीलों का पैसा सरकार किस आधार पर और क्यों दे रही है? आज CAG को पत्र भेजकर ऑडिट व जॉंच की मॉंग की
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) June 22, 2022
पढ़ें :- DM शिव सहाय अवस्थी की सख़्ती से जिला उद्योग बंधु बैठक सफल, उद्यमियों को मिला भरोसा