लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अभी से बिसात बिछानी शुरू दी है। इस बार भी बीजेपी की नजर यूपी पर ही टिकी हैं। वजह साफ है सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें यूपी में ही हैं।
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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अभी से बिसात बिछानी शुरू दी है। इस बार भी बीजेपी की नजर यूपी पर ही टिकी हैं। वजह साफ है सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें यूपी में ही हैं। बीजेपी ने यूपी की सभी 80 सीटों पर फतह हासिल करने का लक्ष्य रखा हैं।
यूपी की सभी 80 सीटों पर फतह हासिल करने का रखा है लक्ष्य
ऐसे में बीजेपी की नजर उन सीटों पर टिकी हुई है जहां 2019 के चुनावों में पार्टी को शिकस्त का सामना करना पड़ा था। पिछली बार की तरह इस बार भी ये सीटें पार्टी के लिए सिरदर्द न बन जाएं, इसके लिए खास रणनीति तैयार की गई है। यूपी की हारी हुई 14 सीटों के लिए बीजेपी ने जो रणनीति का ताना बाना बुना है उसके तहत पार्टी के दिग्गज नेता इन सीटों पर जनसभाएं सबसे पहले करेंगे।
ऐसे में रणनीति का पूरा दारोमदार किसी ओर पर नहीं बल्कि बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह के कंधों पर होगा। तभी तो वह यूपी में 29 जून से उन सीटों पर रैलियां करना शुरू करेंगे, जहां से बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में हार मिली थी। अमित शाह बिजनौर से 2024 के लिए शंखनाद करेंगे। अमित शाह को बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी का प्रभारी बनाया था। जिसमें बीजेपी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था।
अमित शाह जातीय समीकरणों की अच्छी समझ रखतें हैं। अमित शाह के साथ कई केंद्रीय मंत्री समेत प्रदेश के मंत्रियों को भी जिम्मेदारी दी गई है। इन क्षेत्रों में खासतौर से लगातार कार्यक्रम किए जाएंगे और बीजेपी की नीति और रीति के बारे में मतदाताओं को बताया जाएगा।
पार्टी के दिग्गज नेता इन हारी हुई सीटों पर अपनी कमजोरी और चुनौतियों का आंकलन करेंगे और उन पर काम करके पार्टी की स्थिति को मजबूत करने की कोशिश करेंगे।
आपको बतादें लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को यूपी की 80 सीटों में से 62 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। दो सीटों पर उसकी सहयोगी अपना दल सोनेलाल ने जीत दर्ज की थी। इसके अलावा 16 सीटों पर बीजेपी को शिकस्त का सामना करना पड़ा था।