भारत में अगर स्टाइल की डिक्शनरी खोली जाए, तो पहला नाम हमेशा बॉलीवुड का ही आता है। हमारे फिल्मी सितारे रेड कार्पेट पर क्या पहनते हैं, एयरपोर्ट पर कैसे निकलते हैं, यहाँ तक कि वीकेंड ब्रंच पर किस अंदाज़ में नज़र आते हैं—ये सब पूरे देश में ट्रेंड सेट कर देता है। लेकिन 2025 का फैशन सीन थोड़ा अलग है। अब फोकस सिर्फ़ लग्ज़री ब्रांड्स पर नहीं, बल्कि सस्टेनेबल चॉइसेज़, लोकल टैलेंट और प्रैक्टिकल स्टाइल पर भी है।
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नया जुनून: बैग + कीचेन कॉम्बो
हाल ही में बॉलीवुड से एक दिलचस्प ट्रेंड निकला है—हैंडबैग्स को कीचेन से सजाना। जो चीज़ कभी ‘सिर्फ़ काम चलाने वाली’ थी, अब वही ग्लैमरस टच बन गई है। सितारे अपने महंगे बैग्स पर लोकल कारीगरों के बने चार्म्स और डिज़ाइनर कीचेन टांगकर नया फ़ैशन मैसेज दे रहे हैं। और मज़े की बात ये कि ये स्टाइल सीधे-सीधे इंस्टाग्राम पर वायरल हो जाता है।
इन्फ्लुएंसर इफ़ेक्ट
इस कहानी में नया मोड़ तब आया जब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मैदान में उतरे। अब ट्रेंड्स सिर्फ़ बॉलीवुड तक सीमित नहीं हैं। लाखों फॉलोअर्स वाले फैशन इन्फ्लुएंसर इन महंगे लुक्स को आम लोगों के लिए कम बजट और सस्टेनेबल तरीकों से रीक्रिएट कर रहे हैं।
जैसा एक इंस्टा क्रिएटर कहता है—“डिज़ाइनर बैग सबके बस की बात नहीं, लेकिन एक थ्रिफ़्टेड बैग और कूल कीचेन से आप वही स्टाइल पा सकते हैं।”
सस्टेनेबल = नया ग्लैमर
2025 की सबसे बड़ी बात यही है कि अब इको-फ्रेंडली और थ्रिफ़्टेड फैशन भी उतना ही ग्लैमरस माना जा रहा है।
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थ्रिफ़्ट शॉपिंग से पहले से इस्तेमाल कपड़े खरीदना
DIY हैक्स से पुराने आउटफ़िट को नया ट्विस्ट देना
और लोकल ब्रांड्स के साथ कोलैब करके उन्हें प्रमोट करना
ये सब अब न सिर्फ़ कूल है, बल्कि स्मार्ट भी।
लोकल टैलेंट का फायदा
इन्फ्लुएंसर और स्टार्स दोनों मिलकर छोटे डिज़ाइनर्स और कारीगरों को स्पॉटलाइट में ला रहे हैं। एक ब्लॉक-प्रिंटेड दुपट्टे या बांस से बने बैग पर छोटा-सा इंस्टा रील पोस्ट हो और देखते ही देखते सैकड़ों ऑर्डर्स आ जाएँ—ये अब नॉर्मल हो गया है।
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बदलते समीकरण
कभी सिर्फ़ बॉलीवुड ही फैशन का राजा था, लेकिन अब इन्फ्लुएंसर बराबरी से खड़े हैं। उनकी स्टाइलिंग ज़्यादा रियल और पॉकेट-फ्रेंडली लगती है। जहाँ कोई स्टार लाखों का आउटफ़िट पहनता है, वहीं इन्फ्लुएंसर वही लुक हज़ारों में दिखाकर फैशन को ‘रियल’ बना देते हैं।
ऊपर से अब तो रीपीट फैशन भी नया मंत्र बन गया है—एक ही कपड़े को नए तरीक़ों से बार-बार पहनना।
फैशन का कल
भविष्य साफ़ है—बॉलीवुड का ग्लैमर, इन्फ्लुएंसर की क्रिएटिविटी और आम लोगों की भागीदारी—तीनों मिलकर फैशन को ज़्यादा ओपन, सस्टेनेबल और डेमोक्रेटिक बना रहे हैं।
2025 ये साबित कर चुका है कि स्टाइल का मतलब सिर्फ़ महंगे कपड़े नहीं, बल्कि पर्सनल एक्सप्रेशन, कल्चर पर गर्व और धरती के लिए ज़िम्मेदारी भी है।