सितंबर का दूसरा हफ़्ता आकाश देखने वालों के लिए यादगार बनने वाला है। 7 और 8 सितंबर 2025 की रात को पूर्ण चंद्र ग्रहण घटित होगा, जिसे आम तौर पर “ब्लड मून” कहा जाता है। इस समय चाँद लाल आभा से चमकता नज़र आएगा और पूरा आसमान एक अनोखे नज़ारे में बदल जाएगा।
Updated Date
सितंबर का दूसरा हफ़्ता आकाश देखने वालों के लिए यादगार बनने वाला है। 7 और 8 सितंबर 2025 की रात को पूर्ण चंद्र ग्रहण घटित होगा, जिसे आम तौर पर “ब्लड मून” कहा जाता है। इस समय चाँद लाल आभा से चमकता नज़र आएगा और पूरा आसमान एक अनोखे नज़ारे में बदल जाएगा।
जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आकर अपनी छाया चंद्रमा पर डाल देती है, तो चंद्र ग्रहण बनता है। पूर्ण ग्रहण में पूरा चंद्रमा पृथ्वी की छाया में डूब जाता है। इस समय पृथ्वी का वातावरण लाल रंग की किरणों को मोड़कर चंद्रमा तक पहुँचा देता है, जबकि नीली रोशनी बिखर जाती है। इसी कारण चंद्रमा लालिमा से भर जाता है और इसे ब्लड मून कहा जाता है।
भारत समेत एशिया, ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में यह ग्रहण पूरी तरह देखा जा सकेगा। यूरोप के कुछ हिस्सों में यह आंशिक रूप से दिखेगा, जबकि अमेरिका में उस समय दिन होने के कारण इसका अवलोकन नहीं हो पाएगा।
भारत में समय इस प्रकार रहेगा:
* शुरुआत: रात 8:58 बजे
* पूर्ण ग्रहण का आरंभ: रात 11:00 बजे
* चरम स्थिति: रात 11:41 बजे
* पूर्णता का अंत: रात 12:22 बजे (8 सितंबर)
* पूरे ग्रहण का समापन: सुबह 2:25 बजे
करीब 82 मिनट तक चंद्रमा पूरी तरह छाया में रहेगा, जो इसे हाल के वर्षों का एक लंबे समय तक चलने वाला पूर्ण ग्रहण बनाता है।
ग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष साधन की आवश्यकता नहीं है। साफ आसमान में इसे नंगी आंखों से आसानी से देखा जा सकता है। हाँ, दूरबीन या टेलीस्कोप से देखने पर चंद्रमा की सतह और उसके रंगों को और अधिक विस्तार से देखा जा सकेगा। शहरों की रोशनी से दूर कोई खुला स्थान इस अनुभव को और खास बना देगा।
चंद्र ग्रहण को लेकर कई तरह की धारणाएँ प्रचलित हैं- जैसे भोजन ग्रहण के दौरान अशुद्ध हो जाता है या गर्भवती महिलाओं को इससे बचना चाहिए। लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से ये केवल अंधविश्वास हैं। चंद्र ग्रहण सिर्फ एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है, जिसका मानव जीवन पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता।
यह ग्रहण ऐसे समय पर हो रहा है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे निकट होगा। इस कारण वह सामान्य से बड़ा और चमकीला दिखेगा। यही वजह है कि यह दृश्य और भी प्रभावशाली होगा। 7 और 8 सितंबर की रात का यह पूर्ण चंद्र ग्रहण न सिर्फ खगोल शौकीनों बल्कि आम लोगों के लिए भी एक अद्भुत दृश्य लेकर आएगा। यह क्षण हमें अंतरिक्ष की रहस्यमयी सुंदरता और विज्ञान की गहराई को समझने का अवसर देगा। यदि आसमान साफ़ रहा, तो यह रात लंबे समय तक यादगार बनेगी।