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कार्यशालाः डॉ. वंदना तलवार ने यौन पीड़ितों की काउंसिलिंग पर दिया जोर

By Rakesh 

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नई दिल्ली। प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल की ओर से 15 सितंबर को ‘यौन उत्पीड़न से बचे लोगों की चिकित्सकीय कानूनी जांच के लिए दिशानिर्देश’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। उद्घाटन उप महानिदेशक डॉ. अमिता बाली ने किया। इस मौके पर डॉ. वंदना तलवार ने कहा कि यौन उत्पीड़न के लोगों की मनोसामाजिक परामर्श की जानी चाहिए।

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कहा कि घटना के बाद पोस्ट ट्रॉमैटिक सिंड्रोम की घटनाएं अधिक होती हैं। उन्होंने कहा कि सखी, वन स्टॉप सेंटर, यौन उत्पीड़न से बचे लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए है। डॉ. अमिता बाली ने यौन उत्पीड़न से बचे लोगों की जांच के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को दिशानिर्देशों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बार-बार ऐसी कार्यशालाएं आयोजित होनी चाहिए।

कार्यशाला में भारत के 10 से अधिक विभिन्न राज्यों के 80 प्रतिनिधियों ने लिया भाग

आयोजन की अध्यक्षता करते हुए डॉ. बिंदू बजाज ने लोगों का स्वागत किया। प्रो. मोनिका गुप्ता, नोडल अधिकारी, वन स्टॉप सेंटर, एसजेएच ने आयोजन सचिव के रूप में प्रतिनिधियों को सुरक्षित किट के बारे में बताया। कार्यशाला में भारत के 10 से अधिक विभिन्न राज्यों के 80 प्रतिनिधियों (डॉक्टरों और नर्सिंग अधिकारियों) ने मेडिको कानूनी परीक्षा पर विचार-मंथन किया।

डॉ. अनुराधा ने पाक्सो अधिनियम के बारे में दी जानकारी

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डॉ. वर्मा ने मेडिको कानूनी मुद्दों के बारे में बताया। डॉ. रेखा ने एसटीआई के लिए प्रोफिलैक्सिस और उपचार के बारे में बताया। नर्सिंग अधिकारी सीमा राठौड़ ने एक नर्स की भूमिका प्रस्तुत की। डॉ. अनुराधा ने पाक्सो अधिनियम के बारे में बताया। परामर्शदाता लक्ष्मी ने नाबालिग उत्तरजीवी के मुद्दों और परामर्श देने के तरीकों पर प्रकाश डाला।

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