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तकनीकः हरियाणा में सूक्ष्म सिंचाई विधि अपनाने पर जोर, पैदावार बढ़ाने के साथ 42% तक पानी की बचत कर सकता है किसान

By Rakesh 

Updated Date

कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र में सिंचाई विभाग ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर सूक्ष्म सिंचाई विधि का मॉडल लगाया। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर जहां पूरे देश भर से शिल्पकार व कलाकार अपनी प्रदर्शनी लगाए हुए हैं तो वहीं हरियाणा सरकार द्वारा भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर प्रदर्शनी लगाई गई है।

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इसी कड़ी में हरियाणा सिंचाई विभाग ने भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर सूक्ष्म सिंचाई विधि पर प्रदर्शनी लगाई है। सूक्ष्म सिंचाई विधि को मॉडल के जरिए समझाया गया है। आइए जानते हैं कि सूक्ष्म सिंचाई विधि क्या है और इससे आने वाले समय में हरियाणा को कितना फायदा होने वाला है। क्योंकि हरियाणा में कई ब्लॉक डार्क जोन में आ चुके हैं, जहां पानी का बड़ा संकट खड़ा हो चुका है।

सिंचाई विभाग के एसडीओ दीपक कुमार ने बताया कि सिंचाई विभाग के द्वारा MICADA योजना लागू की गई है। जिसमें ड्रिप इरीगेशन के जरिए किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यही है कि हरियाणा में जो पानी का संकट गहराता जा रहा है, हरियाणा को उस संकट से बाहर निकाला जा सके। हरियाणा में सिंचाई विभाग द्वारा सूक्ष्म सिंचाई विधि पर काफी जोर दिया जा रहा है ताकि किसान इसको अपनाएं।

इसमें किसान के खेत में एक बड़ा कंक्रीट का तालाब बनाया जाता है, जहां पर किसान वर्षा या नहर का पानी इकट्ठा कर सकता है और सोलर पैनल के जरिए अपने ट्यूबवेल को चलाकर यहां से वह अपने खेत में पानी दे सकता है। ट्यूबवेल के जरिए सूक्ष्म सिंचाई विधि में पाइपों के जरिए फव्वारा विधि से किसान अपने खेत में पानी से सिंचाई कर सकता है।

उन्होंने बताया कि अगर किसान सूक्ष्म सिंचाई विधि से खेत में सिंचाई करता है तो उसमें किसान 42% तक पानी की बचत कर सकता है जिससे आने वाले समय में पानी की समस्या से निपटा जा सकता है। जो किसान सूक्ष्म सिंचाई विधि से खेती कर रहा है उसकी पैदावार में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

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सिंचाई विभाग कृषि विभाग के साथ मिलकर इस योजना को हरियाणा के एक-एक किसान तक पहुंचाने का काम कर रहा है ताकि किसान इस विधि का प्रयोग करके पानी की भी बचत करे और अपने फसल की पैदावार में भी बढ़ोतरी करे।

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