मथुरा, 26 अप्रैल (हि.स.)। श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में मंगलवार इंतजामियां कमेटी और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने उपासना स्थल अधिनियम पर 45 मिनट बहस होने के बाद अदालत ने अगली सुनवाई 10 मई सुनिश्चित की है।
पढ़ें :- बालाकोट में नियंत्रण रेखा पर सेना की बड़ी कामयाबी, दो घुसपैठिये ढेर,सर्च अभियान जारी
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास की ओर से दायर किए गए वाद में अदालत में इंतजामियां कमेटी के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद व सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से जीपी निगम आदि ने मंगलवार बहस प्रारंभ की। अदालत को बताया कि उपासना स्थल अधिनियम के तहत 1949 से पूर्व बाबरी मस्जिद को छोड़कर जितने भी धर्मस्थल हैं, उनमें परिवर्तन नहीं किया जाएगा। क्योंकि उनका समझौता 1968 वर्ष का है। इसलिए लिमिटेशन एक्ट भी लागू होगा। उन्होंने वादीगण पर बिना किसी अधिकार के ही मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया है। उनका कहना था कि वादियों ने केस के पक्ष में कोई साक्ष्य अदालत में दाखिल नहीं किए हैं। लगभग 45 मिनट तक चली बहस में ईदगाह और वक्फ बोर्ड की ओर से नीरज शर्मा, अबरार हुसैन और सौरभ आदि ने बताया कि वादियों ने जिस 13.37 एकड़ जमीन पर दावा किया है। इससे संबंधित कोई कोई कागजात अदालत में पेस नहीं किए हैं। वादी श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि हम बहस को सुनने के बाद अपनी बहस करेंगे। अदालत में 10 मई को अगली सुनवाई होगी। उनके साथ अधिवक्ता राजेंद्र माहेश्वरी आदि मौजूद रहे।