रांची, 03 जनवरी। राजभवन के सामने पिछले 35 दिनों से स्वच्छ भारत मिशन (SBM) ग्रामीण के अनुबंधकर्मी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। सोमवार को अनुबंधकर्मियों ने राजभवन से अल्बर्ट एक्का चौक तक ‘निंदा यात्रा’ निकालने की कोशिश की। लेकिन प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को राजभवन से थोड़ी दूर आगे बढ़ने पर ही रोक दिया। उन्हें आगे जाने की मंजूरी नहीं दी गई। जिससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मंत्री मिथिलेश ठाकुर के खिलाफ जमकर नारे लगाए।
पढ़ें :- झारखंडः मैया सम्मान योजना हेमंत सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती
राजभवन के सामने पिछले 35 दिनों से स्वच्छ भारत मिशन (SBM) ग्रामीण के अनुबंधकर्मी अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं। सोमवार को @sbmworker कर्मियों ने राजभवन से अल्बर्ट एक्का चौक तक "निंदा यात्रा" निकालने की कोशिश की। लेकिन प्रशासन ने उन्हें राजभवन से थोड़ी दूर आगे बढ़ने पर रोक दिया। pic.twitter.com/VWTdAYrIVX
— India Voice (@indiavoicenews) January 3, 2022
‘निंदा यात्रा’ के दौरान संघ के नेता आशीष यादव ने कहा कि सरकार को इस यात्रा के जरिए से वो सचेत करना चाहते हैं। सरकार बातचीत कर हमारी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करे। जब सभी राज्यों ने SBMG कर्मियों का समायोजन केंद्र के दिशानिर्देश के आलोक में कर दिया है, तो झारखंड के भी सभी कर्मिचारियों का समायोजन करना चाहिए।
पढ़ें :- 9 सितंबर को ED के सामने पेश होंगे या नहीं ? हेमंत की पेशी को लेकर पसोपेश में सियासत !
बतादें कि झारखंड के 522 SBM कर्मियों के अनुबंध को 31 दिसंबर 2021 से खत्म कर दिया गया है। जिसकी वजह से ये सभी कर्मी बेरोजगार हो गये हैं। इन सभी की मांग है कि कई राज्यों की तरह झारखंड में भी SBM कर्मियों को दोबारा बहाल किया जाए। ये लोग अपनी मांग को लेकर के पिछले 35 दिनों से राजभवन के सामने धरना पर बैठे हैं।