कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की भारत के सामने खड़े होने की "हैसियत नहीं है" और भारत वैश्विक मंच पर एक ताकतवर देश के रूप में उभरा है। उनके बयान को लेकर सियासी हलकों में बहस तेज हो गई है, वहीं आम जनता में राष्ट्रभक्ति की भावना प्रबल हुई है।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जीतू पटवारी ने हाल ही में एक सार्वजनिक सभा के दौरान पाकिस्तान को लेकर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि “पाकिस्तान की भारत के सामने खड़े होने की कोई हैसियत नहीं है।” उन्होंने यह बयान भारत की वैश्विक स्थिति और पाकिस्तान की आंतरिक व अंतर्राष्ट्रीय कमजोरियों को लेकर दिया। पटवारी का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में सुरक्षा, राष्ट्रवाद और सीमाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दे एक बार फिर से सुर्खियों में हैं।
उन्होंने कहा कि आज का भारत केवल एक आर्थिक महाशक्ति नहीं, बल्कि एक सैन्य और रणनीतिक रूप से भी सक्षम राष्ट्र है। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर भी कटाक्ष करते हुए यह जोड़ा कि “राष्ट्रभक्ति का दिखावा करने वालों से ज्यादा देश को जानने और समझने वालों की जरूरत है।” इस बयान को कई विश्लेषक कांग्रेस की राष्ट्रवादी छवि को और मजबूत करने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं।
जीतू पटवारी ने कहा कि पाकिस्तान आज आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक संकटों से जूझ रहा है। उसकी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा चुकी है, सेना और सरकार के बीच असहमति है, और आम जनता में असंतोष बढ़ता जा रहा है। वहीं भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है — चाहे वो चंद्रयान मिशन हो, G20 की अध्यक्षता हो या वैश्विक मंच पर नेतृत्व का मामला।
उनका यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि भारत-पाकिस्तान के संबंधों में अब भारत अपनी शर्तों पर ही संवाद करेगा। उन्होंने कहा, “भारत अब दबाव में नहीं आता, भारत अब निर्णय लेता है।“
पटवारी के बयान पर बीजेपी नेताओं ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता अब राष्ट्रवाद का मुखौटा पहन रहे हैं। वहीं कुछ विश्लेषकों ने इसे कांग्रेस की बदली हुई रणनीति बताया है, जहां पार्टी अब नरम राष्ट्रवाद को अपना रही है। सोशल मीडिया पर भी इस बयान को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रही हैं — कुछ ने समर्थन किया तो कुछ ने इसे राजनीतिक स्टंट बताया।
पटवारी ने अपने भाषण में कहा कि भारत आज UN, BRICS, G20 जैसे मंचों पर जिस मजबूती से खड़ा है, वह साबित करता है कि भारत एक वैश्विक नेता के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान जैसे अस्थिर राष्ट्र की भारत से तुलना करना ही गलत है। भारत को अब सिर्फ अपनी सुरक्षा ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत को आतंकवाद, सीमा पार घुसपैठ और साइबर हमलों पर भी कड़ी प्रतिक्रिया देनी चाहिए, लेकिन किसी भी तरह की उकसावे वाली कार्रवाई से बचना चाहिए ताकि राजनयिक संतुलन बना रहे।
जीतू पटवारी का यह बयान सिर्फ पाकिस्तान की आलोचना नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि भारत अब रक्षा, कूटनीति और वैश्विक नेतृत्व में कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, जब बात देश की प्रतिष्ठा और सुरक्षा की आती है, तो सभी दलों को एकजुट रहना चाहिए। यह बयान आने वाले समय में सियासी चर्चा का केंद्र बनेगा, खासकर जब चुनावी माहौल में राष्ट्रीय सुरक्षा एक प्रमुख मुद्दा रहेगा।