नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दिल्ली सरकार जसोला व मदनपुर खादर के गांवों के करीब 150 किसानों के 130 करोड़ के बकाया मुआवजे का भुगतान नहीं कर रही। यहां तक कि सरकार ने कोर्ट में यह तर्क दे दिया है कि सरकार के एकाउंट में पैसा ही नहीं है।
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कोर्ट ने एडीएम की अचल सम्पत्ति कुर्क करने का दिया आदेश
दिल्ली सरकार के इस रवैये को देखते हुए कोर्ट ने एडीएम कार्यालय की अचल सम्पत्ति को जब्त करने का आदेश दे दिया है। कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि इस फैसले की न तो अपील की जा सकती है और न ही इस पर स्टे दिया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि जसोला गांव की 76 बीघा जमीन 1986-87 में अधिग्रहित की गई थी। यह जमीन 13-ए मथुरा रोड को कालिंदी कुंज तक बढ़ाने के लिए अधिग्रहित की गई थी। करीब 150 किसानों की यह जमीन थी, जिसे मुआवजे के रूप में 130 करोड़ दिया जाना था। मगर, सरकार ने इस राशि का भुगतान नहीं किया। यहां तक कि सरकार इस मुआवजे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक गई और सुप्रीम कोर्ट ने भी 20 अप्रैल 2022 को मुआवजे की यह राशि देने के लिए किसानों के पक्ष में ही फैसला सुनाया। अब तक उस फैसले पर अमल नहीं किया गया।
बिधूड़ी ने बताया कि मुआवजा न दिए जाने पर 26 जुलाई 2023 को साकेत कोर्ट ने एडीएम/लैंड एग्जीक्यूशन कलेक्टर (एलएसी) की अचल सम्पत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया था। दिल्ली सरकार के द्वारा इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई तो हाईकोर्ट ने 16 अगस्त 2023 को मुआवजे के भुगतान के लिए दिल्ली सरकार को चार सप्ताह का समय दिया, लेकिन उस दौरान भी यह राशि नहीं दी गई।
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कहा कि जब 20 सितंबर 2023 को फिर यह मामला साकेत कोर्ट में आया तो सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि एलएसी के एकाउंट में पैसा ही नहीं है। इस पर कोर्ट ने अचल सम्पत्ति को कुर्क करने के आदेश पर सख्ती से अमल करने का आदेश जारी किया।
अब 5 अक्टूबर को कोर्ट ने बैलिफ की नियुक्ति का आदेश दिया है और 25 अक्टूबर तक इस आदेश पर अमल की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी। बिधूड़ी ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री केजरीवाल दावा करते हैं कि सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है, वहीं दूसरी तरफ किसानों का हक मारा जा रहा है और उनकी जमीन का मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है।