वाराणसी। उम्रकैद की सजा मिलने के बाद भी मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम नहीं होंगी। आजमगढ़ हत्याकांड मामले में 13 जून को फैसला आएगा। माफिया से विधायक बनने के बाद अब सजायाफ्ता हो चुके मुख्तार अंसारी की मुश्किलें अभी और बढ़ेंगी।
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क्योंकि हत्या और हत्या का षडयंत्र रचने के कई मुकदमे अब अपने फैसले के करीब पहुंच चुके हैं। करीब तीन दशक बाद सभी बड़े मुकदमे एक-एक कर अंजाम तक पहुंचने लगे हैं। उसे सजा भी कई मुकदमें में हुई। लेकिन मुख्तार ने उम्रकैद की सजा का स्वाद बीते 5 जून को अवधेश राय हत्याकांड में पहली बार चखा है। अब इन्हीं सब के बीच आज़मगढ़ का खौफनाक गोलीकांड भी सुर्खियों में आ गया है।
आजमगढ़ में 6 फरवरी 2014 को ठेकेदार पर चलाई थी गोलियां
आइए सबसे पहले जानते हैं कि क्या थी यह पूरी घटना। आजमगढ़ में 6 फरवरी 2014 को तरवां थाना क्षेत्र के ऐराकला में सड़क ठेके के विवाद को लेकर ठेकेदार पर मुख्तार के लोगों ने हमला किया था। जिसमें ठेकेदार तो बाल-बाल बचा गया था लेकिन उसके दो मजदूरों को गोली लगी थी। जिसमें एक की इलाज के दौरान वाराणसी में मौत हो गई थी।
ठेकेदार ने मुख्तार समेत उसके लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बिहार के गया निवासी मजदूर राम इकबाल की मौत हो गई थी। इसी मामले में 13 जून को फैसला आ सकता है। बताते चलें कि मुख्तार अंसारी पर हत्या, हत्या की साजिश, रंगदारी और अवैध कब्ज़ा समेत कई अन्य मामलों में 61 केस दर्ज हैं, जिसकी सुनवाई पूरी होना अभी बाकी है।