फतेहपुर। इस्राइल- हमास युद्ध के बाद ध्वस्त हुईं इमारतों एवं श्रमिकों के पैदा हुए संकट से इस्राइल को उबारने का काम अब भारत करेगा। नष्ट हुई इस्राइली इमारतों को खड़ा करने एवं सजानें-संवारने के काम में यूपी के फतेहपुर जिले के श्रमिक सहभागी बनेंगे।
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इस्राइल द्वारा प्राथमिकता पर भारत से श्रमिकों की हुई डिमांड के चलते पीएमओ ने श्रमिकों की भर्ती के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। श्रम विभाग में पंजीकृत राजमिस्त्रियों, वेल्डर, टाइल्स एवं शटरिंग का काम जानने वाले श्रमिकों को चिह्नत करने का काम विभाग ने शुरू कर दिया है। रोजगार पाने के लिए श्रम विभाग में श्रमिकों की लंबी लाइन भी देखी जा रही है।
फतेहपुर जिले में पीएमओ के निर्देश के बाद श्रमिकों के चयन करने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है, जिसके लिए विभाग में श्रमिकों की लंबी लाइन देखी जा रही है। जिले में अब तक 60 श्रमिकों ने काम के लिए इस्राइल जाने की अपनी सहमति दे दी है। इच्छुक श्रमिक 5 जनवरी तक विभाग में आवेदन कर सकते हैं। जिसके लिए 21 से 45 वर्ष के श्रमिकों को ही जाने की अनुमति होगी और जिन्हे अंग्रेजी का सामान्य ज्ञान होना आवश्यक है।
स्वास्थ्य का प्रमाण पत्र एवं पुलिस वेरीफिकेशन स्वयं श्रमिकों को कराना होगा। चिकित्सा, बीमा की सुविधाओं के अलावा 1 लाख 39 हजार की मोटी पगार भी उन्हें मिलेगी। श्रमिकों का अंतिम चयन इस्राइली कंपनी द्वारा किया जाएगा।
बता दें की जिले में 2 लाख 18 हजार 439 श्रमिक पंजीकृत हैं लेकिन जिन चार श्रेणी के श्रमिकों को इस्राइल भेजा जाना है उसमें राज मिस्त्री के 2766, वेल्डिंग का काम जानने वाले 314, टाइल्स के 206 और शटरिंग का काम जानने वाले 83 श्रमिक पंजीकृत हैं। इन श्रमिकों को वेतन के रूप में 6100 इस्राइली मुद्रा मिलेगी, जो भारत की मुद्रा में 1.39 लाख रुपए की होती है। इन मजदूरों को 1 से 5 वर्ष के अनुबंध के लिए भेजा जाएगा। उनकी उम्र 21से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।