प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र किसी की मेहरबानी से नहीं है बल्कि यह देश लोकतंत्र का जनक है।
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आज लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों से है और इसका सबसे ज्यादा खामियाजा योग्यता को उठाना पड़ता है। उन्होंने आग्रह किया कि देश की सभी दलों को अपने भीतर लोकतांत्रिक व्यवस्था को अपनाना चाहिए और देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को आगे आकर इसकी जिम्मेदारी उठानी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र किसी की मेहरबानी से नहीं है बल्कि यह देश लोकतंत्र का जनक है।
कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर यह पार्टी न होती तो देश कुछ ओर होता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी नहीं होती तो स्वदेशी को महत्व मिलता, आपातकाल का कलंक नहीं लगता, जातिवाद और क्षेत्रवाद नहीं होता, सिखों का नरसंहार नहीं होता, पंजाब में आतंकवाद नहीं होता, कश्मीरी पंडितों का पलायन नहीं होता और बेटियों को तंदूर में न जलाया जाता। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस न होती तो देश के आम नागरिकों को इतने सालों तक मूल सुविधायों से वंचित न रहना पड़ता।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेडिकलकर्मियों और कोरोना योद्धाओं का महामारी के दौरान किए गए कार्य़ों के लिए अभिनंदन करते हुए आगे कहा कि विपक्ष चाहता तो वैक्सीन को लेकर देश की उपलब्धियों को गर्व के साथ प्रस्तुत कर सकता था।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लाखों गरीबों के घर बने, हजारों लोगों के घर में नल से जल पहुंचा और देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज दिया गया। कोरोना काल में कृषि क्षेत्र में रिकॉर्ड उत्पादन हुआ और एमएसपी पर रिकॉर्ड खरीद की गई। खिलाड़ियों ने देश का परचम दुनिया में लहराया। युवाओं ने परिश्रम से स्टार्टअप में भारत को दुनिया तीसरे स्थान पर पहुंचाया। विपक्ष चाहता तो इन उपलब्धियों को दुनिया के सामने रख सकता था।