आज जिन विधायकों को मंत्री बनाया गया है उनमें दो दूसरी बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। आठ विधायक पहली बार चुनाव जीते हैं। सभी 10 विधायकों को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलवाई गई है। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने सबसे पहले दिड़बा के विधायक हरपाल सिंह चीमा को शपथ दिलाई।
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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को अपनी पहली कैबिनेट का गठन कर लिया। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने राजभवन में आयोजित समारोह में सभी नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। 117 सदस्यों वाली पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री के अलावा 17 मंत्री बनाए जा सकते हैं। भगवंत मान ने पहले चरण में 10 मंत्री बनाकर सात पद खाली छोड़ दिए हैं। उन्हें आने वाले समय में भरा जाएगा।
आज जिन विधायकों को मंत्री बनाया गया है उनमें दो दूसरी बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। आठ विधायक पहली बार चुनाव जीते हैं। सभी 10 विधायकों को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलवाई गई है। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने सबसे पहले दिड़बा के विधायक हरपाल सिंह चीमा को शपथ दिलाई। हरपाल सिंह चीमा पिछले कार्यकाल के दौरान विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं। पंजाब में नए बने कैबिनेट मंत्रियों में युवा जोश और अनुभव का तालमेल बिठाया गया है। भगवंत मान कैबिनेट में सबसे अंत में शपथ लेने वाले हरजोत सिंह बैंस सबसे कम 31 वर्ष के हैं, जो मंत्री बने हैं। उम्र के लिहाज से दूसरे नंबर पर 32 वर्षीय गुरमीत सिंह मीत हेयर हैं। भगवंत मान मंत्रिमंडल में 60 वर्षीय कुलदीप धालीवाल भी शामिल हैं।
चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल हलफिया बयान के आधार पर लालचंद कटारूचक्क ने छह लाख रुपये की संपत्ति घोषित की थी, जिसके आधार पर यह माना जा रहा है कि भगवंत मान मंत्रिमंडल में लालचंद कटारूचक्क सबसे गरीब मंत्री हैं। कैबिनेट मंत्री ब्रह्म शंकर जिंपा आठ करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे अमीर मंत्री हैं।
कैसे हैं पंजाब के मंत्री
हरपाल सिंह चीमा :मालवा क्षेत्र के दिड़बा विधानसभा हलके से लगातार दूसरी बार विधायक बने चीमा मान कैबिनेट में दूसरे नंबर पर हैं। पंजाब में 27 जुलाई, 2018 से 11 मार्च, 2022 तक नेता प्रतिपक्ष रहे हरपाल चीमा पंजाबी यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री धारक हैं।
डा. बलजीत कौर:मालवा क्षेत्र के मलौट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीती बलजीत कौर के पिता प्रो.साधु सिंह पूर्व सांसद रहे हैं। पेशे से आंखों की डाक्टर हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भी पहले आंखों की जांच करने और बाद में वोट मांगने की तस्वीरे वायरल होती रही हैं। तीन माह पहले नौकरी छोड़कर आप में शामिल हुईं। चुनाव जीतीं और अब मान कैबिनेट की एकमात्र महिला मंत्री होंगी।
हरभजन सिंह ईटीओ: माझा क्षेत्र के जंडियाला सीट से जीते। वर्ष 2012 में पीसीएस की परीक्षा पास करके ईटीओ बने। वर्ष 2017 में स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हुए। 2017 में आम आदमी पार्टी में शामिल होकर चुनाव लड़े परन्तु तीसरे नंबर पर रहे। इस बार जीतकर मंत्री बन गए।
डा.विजय सिंगला:पंजाब के मालवा क्षेत्र की मानसा सीट से जीतकर विधानसभा में पहुंचे हैं। पेशे से दांतों के डाक्टर सिंगला ने सिद्धू मूसेवाला को हराया है।
लाल चंद कटारूचक:पंजाब के माझा क्षेत्र की भोआ सीट से जीते हैं। लंबे समय से समाज सेवा में सक्रिय हैं। एक रात पहले जब वह घर में कपड़े धो रहे थे तो मीडिया के माध्यम से उन्हें मंत्री बनने के बारे में पता चला। समाज सेवक लालचंद ने कांग्रेस के जोगिन्द्र पाल को हराया है।
गुरमीत सिंह मित्र हेयर: पीटीयू जालंधर से 2012 में बीटेक करने के बाद राजनीति में उतरे। वर्ष 2017 में पहली बार चुनाव लड़ा और जीतकर विधानसभा पहुंचे। मालवा की बरनाला सीट से अकाली दल के कुलवंत कीतू को हराया। बरनाला को लेकर यह मिथक तोड़ा कि यहां का विधायक और मंत्री एक ही पार्टी के नहीं होते।
कुलदीप सिंह धालीवाल: पेशे से किसान हैं। दसवीं तक की पढ़ाई की है। माझा की अजनाला सीट से जीतने वाले धालीवाल भगवंत मान मंत्रिमंडल में उम्र के लिहाज से सबसे बड़े हैं।
लालजीत सिंह भुल्लर: भगवंत मान के इस मंत्री की गिनती प्रगतिशील किसान के रूप में होती है और पेशे से आढ़ती हैं। कृषि विशेषज्ञ के रूप में अक्सर अपने अनुभव साझा करते रहते हैं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के दामाद तथा पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों के पौत्र आदेश प्रताप कैरों को हराकर विधानसभा पहुंचे हैं।
ब्रह्म शंकर जिंपा: 12वीं पास ब्रह्मशंकर का अपना कारोबार है। होशियारपुर के क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं।
हरजोत सिंह बैंस:लंदन स्कूल आफ इकनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से पढ़े हैं। आप के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे हैं। लंबे समय से आम आदमी पार्टी का झंडा उठाए हुए हैं।