मध्यप्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के साथ रेप करने वालों को आजीवन कारावास में अब कोई छूट नहीं मिलेगी. प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि ऐसे अपराधियों को अब अंतिम सांस तक जेल में ही रहना होगा. साथ ही गैंगरेप के दोषियों पर यही कानून लागू होगा,अभी तक अच्छे आचरण वाले अपराधियों को सजा में छूट देने का अधिकार राज्य सरकार को था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. बता दें कि बीजेपी शासित गुजरात सरकार ने हाल ही में बिलकिस बानो गैंगरेप के दोषियों की सजा में छूट देते हुए उन्हें रिहा कर दिया था, लेकिन मप्र सरकार ने इसके उलट नियम बनाया है.
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में निर्णय किया गया कि बच्चों के साथ दुष्कर्म, दो बार रेप के दोषियों को सजा में कोई छूट अथवा माफी नहीं दी जाएगी. इसी तरह आतंकी घटनाओं में लिप्त, टाडा और पाक्सो एक्ट में दोषियों, जहरीली शराब बेचने वाले, ड्रग्स डीलर और प्रदेश में अपराध करने के दोषी विदेशी नगरिकों को भी सजा में कोई छूट नहीं दी जाएगी. सरकार ने प्रदेश में 2012 से लागू नीति में संशोधन कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को छूट देने के लिए तीन स्तरीय कमेटियों में फैसला होगा. यह कमेटियां जेल, जिला और राज्य स्तरीय पर होंगी, लेकिन डकैती के दौरान हत्या के दोषियों को सजा में कोई छूट नहीं दी जाएगी. ऐसे कैदियों को 20 साल तक जेल में ही रहना होगा. इसके अलावा 70 साल के वृद्ध और 60 साल की महिलाएं, जिन्हें आजीवन कारावास की सजा मिली है, उनकी प्रतिबंधित श्रेणी को छोड़कर अन्य मामलों में समय पूर्व रिहाई दी जा सकेगी.