नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति Robert Vadra एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के घेरे में हैं। मामला है हरियाणा में जमीन सौदों से जुड़े एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस का, जहां आरोप है कि Vadra ने नियमों की अनदेखी कर अवैध तरीके से जमीन खरीदी और फिर उसे ऊंचे दाम पर बेचा।
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Haryana Land Deal Case की जांच में ED का फोकस उन दस्तावेज़ों और ट्रांजैक्शनों पर है जो 2008 से 2012 के बीच हुए। Vadra को इस मामले में पिछले कई सालों से समन मिलते रहे हैं, और उन्होंने जांच में सहयोग करने की बात भी कही है।
पूछताछ का मुद्दा क्या है?
ED का आरोप है कि Robert Vadra की कंपनियों ने DLF और Skylight Hospitality के ज़रिए कुछ ऐसे जमीन सौदे किए जो नियमों के खिलाफ थे। जमीन की खरीदारी के समय भूमि उपयोग की शर्तें बदलवाई गईं, जिससे ज़मीन की कीमत कई गुना बढ़ गई।
इन सौदों में Benami लेन-देन, अवैध फायदे और राजनीतिक संपर्कों के दुरुपयोग जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
दस्तावेज़ और डिजिटल सबूत
ED अधिकारियों ने Vadra से पूछताछ के दौरान:
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बैंक ट्रांजैक्शन डिटेल्स
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कंपनियों के MoU और रजिस्ट्री पेपर
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ईमेल और कम्युनिकेशन रिकॉर्ड
जैसे कई डिजिटल और फिजिकल सबूत मांगे।
बताया जा रहा है कि पूछताछ करीब 6 घंटे तक चली और अधिकारियों ने 40 से ज्यादा सवाल पूछे।
Robert Vadra की प्रतिक्रिया
पूछताछ के बाद Vadra ने मीडिया से कहा:
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“मैं हमेशा से जांच में सहयोग करता रहा हूं। लेकिन बार-बार बुलाना, सिर्फ राजनीतिक बदले की भावना का हिस्सा है।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस के नेताओं को निशाना बनाना BJP सरकार की रणनीति है।
राजनीतिक विवाद भी गरमाया
यह मामला केवल कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक मोड़ भी ले चुका है। कांग्रेस का आरोप है कि Robert Vadra को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है ताकि 2024 लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष को कमजोर किया जा सके।
BJP की ओर से प्रवक्ता ने कहा:
“जो लोग कानून से डरते नहीं हैं, उन्हें पूछताछ में सहयोग करना चाहिए। यह जांच न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है, न कि राजनीतिक साजिश।”
अब आगे क्या?
जांच एजेंसी का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो Robert Vadra को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। साथ ही उनकी कंपनियों की अन्य लैंड डील्स की भी फॉरेंसिक ऑडिट करवाई जा रही है।
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इस बीच Vadra ने कोर्ट में याचिका दायर की है ताकि ED की कार्यवाही को सीमित किया जा सके।
यह केस क्यों महत्वपूर्ण है?
यह मामला देश में राजनीति और कॉर्पोरेट गठजोड़ पर सवाल उठाता है। साथ ही यह एक उदाहरण है कि किस तरह से बड़ी हस्तियों पर भूमि घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप लग सकते हैं। यह केस आने वाले समय में राजनीतिक विमर्श का अहम हिस्सा बन सकता है।