NMC ने बताया कि अगर यूक्रेन से वापस आने वाले छात्र सभी योग्यताओं को पूरा करते हैं तो उन्हें राज्य चिकित्सा परिषद की ओर से 12 महीने की इंटर्नशिप के लिए अंतरिम पंजीकरण दिया जाएगा।
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नई दिल्ली, 5 मार्च। यूक्रेन में जारी जंग की वजह से संकट का सामना कर रहे मेडिकल छात्रों के लिए राहत भरी खबर आई है। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें जानकारी दी गई है कि यूक्रेन से वापस आने वाले छात्र अब भारत में ही अपनी एक साल की इंटर्नशिप को पूरी कर सकते हैं। इसके लिए कोरोना महामारी या युद्ध के समय चीजें काबू में ना रहने का हवाला दिया गया है। NMC ने ये सर्कुलर अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर भी जारी किया है। अधिक जानकारी के लिए सभी छात्र (nmc.org.in) पर सर्कुलर को पढ़ सकते हैं।
हजारों छात्रों को मिलेगी राहत
NMC ने बताया है कि कई मेडिकल ग्रेजुएट छात्र रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के कारण अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं कर पाए हैं। छात्रों की परेशानी को देखते हुए उनके भारत में इंटर्नशिप के आवेदन को योग्य माना जाएगा। जिससे उन हजारों छात्रों को राहत मिलेगी जो इस संकट के कारण अपने पढ़ाई को अधूरा छोड़कर वापस भारत आ गए हैं। वहीं NMC ने बताया है कि कई मेडिकल ग्रेजुएट छात्र रूस और यूक्रेन जंग के कारण अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं कर पाए हैं। उन छात्रों की परेशानी को देखते हुए उनके भारत में इंटर्नशिप के आवेदन को योग्य माना जाएगा। इससे उन सैकड़ों छात्रों को राहत मिलेगी जो इस संकट के कारण अपने पढ़ाई को अधूरा छोड़कर वापस भारत आ गए हैं।
छात्रों को पास करनी होगी FMGE परीक्षा
NMC ने बताया कि राज्य की परिषद इस बात का ध्यान रखेंगी कि यूक्रेन से भारत आए छात्रों ने NBE की ओर से आयोजित FMGE परीक्षा को पास किया हो। अगर छात्र सभी योग्यताओं को पूरा करते हैं तो उन्हें राज्य चिकित्सा परिषद की ओर से 12 महीने की इंटर्नशिप के लिए अंतरिम पंजीकरण दिया जाएगा। NMC ने आगे बताया कि राज्य परिषदें इस बात का भी ध्यान रखेगी कि छात्रों से इंटर्नशिप पूरी करने के लिए कॉलेज की ओर से कोई भी शुल्क ना लिया जाए। सर्कुलर में बताया गया है कि FMG को मिलने वाले स्टाइपेंड को भी भारत के सरकारी कॉलेज के मेडिकल छात्रों के बराबर किया जाएगा।
FMGE परीक्षा क्या है ?
FMGE परीक्षा का पूरा नाम फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन है। जिसका आयोजन NBE (National Examination Board) करता है। परीक्षा को हर साल दो बार जून और दिसंबर के महीने में आयोजित किया जाता है। जो भी छात्र विदेशी कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई करते हैं, उन्हें भारत में उच्च शिक्षा और प्रैक्टिसिंग के लिए इस परीक्षा को पास करना जरूरी है। परीक्षा में सफल होने के लिए छात्रों को कम से कम 50 फीसदी अंक लाने होते हैं। इसके बाद छात्रों को स्थाई पंजीकरण दिया जाता है।
बतादें कि हालही में केंद्र सरकार ने यूक्रेन से पढ़ाई को अधूरा छोड़कर वापस लौटे मेडिकल छात्रों की इंटर्नशिप के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) और नीति आयोग (NITI Aayog) को FMGL (Foreign Medical Graduate Licentiate) एक्ट-2021 में राहत और मदद देने की संभावनाएं तलाशने को कहा था। इसके बाद NMC की ओर से ये सर्कुलर जारी किया गया है।