पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत पूरे भारत के हर जिले में एक मॉडल सोलर विलेज बनाने पर जोर दिया गया है। जिसका लक्ष्य सौर ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देना और गांवों को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भर बनने में सक्षम बनाना है। इस काम के लिए 800 करोड़ आवंटित किया गया है, जिसमें प्रति चयनित मॉडल सौर गांव को 1 करोड़ प्रदान किया जाएगा।
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नई दिल्ली। पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत पूरे भारत के हर जिले में एक मॉडल सोलर विलेज बनाने पर जोर दिया गया है। जिसका लक्ष्य सौर ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देना और गांवों को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भर बनने में सक्षम बनाना है। इस काम के लिए 800 करोड़ आवंटित किया गया है, जिसमें प्रति चयनित मॉडल सौर गांव को 1 करोड़ प्रदान किया जाएगा।
प्रतिस्पर्धा मोड के तहत एक गांव माने जाने के लिए, एक गांव को एक राजस्व गांव होना चाहिए जिसकी आबादी 5 हजार (या विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 2 हजार) से अधिक हो। जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) द्वारा संभावित उम्मीदवार की घोषणा के 6 महीने बाद गांवों को उनकी क्षमता पर की जाती है। उच्चतम ऊर्जा क्षमता वाले प्रत्येक जिले के विजेता गांव को 1 करोड़ दिए जाएंगे।
इस योजना का कार्यान्वयन जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) की देखरेख में किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि चयनित गांव प्रभावी ढंग से सौर ऊर्जा संचालित समुदायों में परिवर्तित हो जाएं, जो देशभर के अन्य गांवों के लिए मॉडल के रूप में काम करेंगे। मालूम हो कि भारत सरकार ने 29 फरवरी 2024 को पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य आवासीय घरों को अपनी बिजली पैदा करने के लिए सशक्त बनाना है। इस योजना पर 75,021 करोड़ खर्च किए जाने है। इसे वित्त वर्ष 2026-27 तक लागू किया जाना है।