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SSC Scam : बरामद पैसा मेरा नहीं, वक्त आने दें, सब पता चलेगा, पार्थ चटर्जी ने पहली बार तोड़ी चुप्पी

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

कोलकाता, 31 जुलाई। पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी और पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी ने पहली बार मामले में चुप्पी तोड़ी है। रविवार को करीबी दोस्त अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से कैश की बरामदगी के बाद पार्थ चटर्जी ने कहा कि समय आने पर सब पता चल जाएगा।

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बरामद पैसा मेरा नहीं- पार्थ

बतादें कि पार्थ चटर्जी को रविवार को मेडिकल जांच के लिए ESI अस्पताल लाया गया था। इस दौरान मीडिया से घोटालों के आरोप और साजिश के सवाल पर उन्होंने कहा कि समय आने पर आप सभी को सबकुछ पता चल जाएगा। जो पैसा बरामद हुआ है, वो मेरा नहीं है। दरअसल पार्थ चटर्जी ने पहले भी कहा था कि मुझे साजिश के तहत फंसाया गया है।

3 अगस्त तक ED हिरासत में पार्थ चटर्जी

गौरतलब है कि ED ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री, मौजूदा उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को इस घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया है। अब उन्हें विशेष कोर्ट ने 3 अगस्त तक ED की हिरासत में सौंपा है। वहीं मामले में TMC विधायक माणिक भट्टाचार्य और चटर्जी के निजी सचिव सुकांत आचार्य भी घेरे में हैं।

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साजिश है तो शामिल लोगों के नाम बताएं- घोष

वहीं पार्थ चटर्जी के बयान पर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था कि पूर्व मंत्री अगर किसी साजिश का दावा कर रहे हैं तो उनको उन सभी के नाम का खुलासा करना चाहिए, जो इसमें शामिल हैं। घोष ने कहा कि चटर्जी कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं। वो एक प्रभावशाली मंत्री और तृणमूल के वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें साजिश में शामिल लोगों के नाम बताने चाहिए।

अबतक 50 करोड़ कैश बरामद

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी से पूछताछ के बीच ही ED करीब 15 और ठिकानों पर छापे मारने की तैयारी में है। अबतक ED ने 2 जगहों पर छापों में करीब 50 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं। वहीं ED की जांच पूरी होने के बाद जल्द ही इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो और आयकर विभाग भी शामिल हो सकते हैं। आयकर विभाग बेनामी संपत्ति के मामले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी से सवाल-जवाब कर सकता है। ये भी सूचना है कि जो 4 लग्जरी कारें गायब हैं, उनका अभी तक पता नहीं चला है। ED के अधिकारियों को शक है कि इन कारों में रुपये भरकर कहीं भेजे गए हैं।

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