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बिहार में लोन न देने वाले बैंकों की तालाबंदी करेगी जन अधिकार पार्टी

पार्टी के राज्य कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत उन्होंने कहा कि पिछले माह भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार का सीडीआर 40.1 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से 71.7 प्रतिशत से काफी कम है।

By इंडिया वॉइस 

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पटना : जन अधिकार पार्टी (जाप) के प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह कुशवाहा ने कहा कि बिहार के पिछड़ेपन का एक बड़ा कारण यहां की दोषपूर्ण बैंकिंग व्यवस्था है। गरीब और बेरोजगारी से जूझ रहे बिहारी भुखमरी मिटाने के लिए पलायन को मजबूर है। यह सब कुछ ठीक हो सकता है जब यहां के बैंक अपनी साख जमा अनुपात (सीडीआर) को बढ़ाकर बिहारियों को ऋण देने में सहयोग करें ।

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पार्टी के राज्य कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत उन्होंने कहा कि पिछले माह भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार का सीडीआर 40.1 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से 71.7 प्रतिशत से काफी कम है। इसको साधारण भाषा में इस तरह से समझा जा सकता है कि बिहार के लोग बैंकों में अगर 100 रुपये जमा करते हैं तो उनको मात्र 40 रुपये ही कर्ज मिलता है। बाकी 60 रुपये दूसरे राज्यों में चला जाता है। कुशवाहा ने कहा कि देश के विकसित प्रदेशों का सीडीआर अनुपात 100 के ऊपर भी है जैसे -आंध्रप्रदेश- 131.5 प्रतिशत, तमिलनाडु- 101.7 प्रतिशत, दिल्ली- 93.9 प्रतिशत, तेलंगाना -93.2 प्रतिशत, महराष्ट्र -92.5 प्रतिशत है।

राघवेन्द्र सिंह कुशवाहा ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव भारत सरकार के वित्तमंत्री तथा भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर से मिल कर इस संदर्भ में अपनी बात रखेंगे। उसके बाद भी सुधार नहीं होने पर बिहार में बैंकों के खिलाफ चरणबद्ध आन्दोलन चलाये जायेंगे, जिसमे बैंको में तालाबंदी भी होगी। जन अधिकार पार्टी बिहार में 15 जनवरी से 31 मार्च तक सघन सदस्यता अभियान चलाएगी। इस अवधि में पार्टी ने 20 लाख नए लोगो को पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य रखा है ।

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