बिहार के पूर्णिया विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी से छात्रों को काफी परेशानी हो रही है। समय से कोर्स पूरा न होने से छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
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पूर्णिया। बिहार के पूर्णिया विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी से छात्रों को काफी परेशानी हो रही है। समय से कोर्स पूरा न होने से छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
कई ऐसे कॉलेज हैं जहां कई विषयों में एक भी शिक्षक नहीं हैं। शिक्षकों की ऐसी कमी तब बनी हुई है जब राजभवन और राज्य सरकार ने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करने का नियम बना रखा है। पूर्णिया विश्वविद्यालय की स्थापना साल 2018 में हुई थी। तब से लेकर अबतक 5 साल का वक्त गुजर गया। लेकिन शिक्षकों की कमी ज्यों की त्यों बनी हुई है।
आलम यह है कि विश्वविद्यालय के अधीन 18 कॉलेजों में 423 शिक्षकों के पद खाली हैं। इन पदों पर अबतक न तो गेस्ट शिक्षक की बहाली हुई है और न ही स्थायी शिक्षकों की ही नियुक्ति की गई है। बताते चलें कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों का 638 पद स्वीकृत है। इसमें से मात्र 215 पदों पर ही शिक्षक कार्यरत हैं।
कटिहार डीएस कॉलेज में अर्थशास्त्र के शिक्षक नहीं
कटिहार डीएस कॉलेज में अर्थशास्त्र पढ़ाने वाले एक भी शिक्षक नहीं हैं। इस संबंध में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार घनश्याम राय ने बताया कि राजभवन को रिक्त पदों की सूची उपलब्ध करा दी गई है। उन्होंने बताया कि कुलाधिपति ने रिक्त पदों की सूची मांगी थी। इसके बाद सूची भेज दी गई। जल्द ही शिक्षकों की कमी दूर होगी।