Booking.com

राज्य

  1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के 6 दोषियों को रिहा करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के 6 दोषियों को रिहा करने का निर्देश दिया

Rajiv Gandhi assassination case: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन समेत बाकी छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का निर्देश दिया।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

Rajiv Gandhi assassination case: सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन समेत बाकी छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्यपाल ने कदम नहीं उठाया तो हम उठा रहे हैं और मामले के दोषियों नलिनी श्रीहर, रॉबर्ट पेस, रविचंद्रन, राजा, श्रीहरन और जयकुमार को रिहा करने का आदेश दिया.

पढ़ें :- सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की संसद भवन के उद्घाटन वाली याचिका

आपको बता दें कि, इससे पहले राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन ने अपनी समय से पहले रिहाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. नलिनी ने मद्रास हाई कोर्ट के 17 जून के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने उनकी जल्द रिहाई के लिए याचिका खारिज कर दी थी और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए सह-दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हाई कोर्ट ने 17 जून को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी नलिनी श्रीहरन और रविचंद्रन की याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें राज्य के राज्यपाल की सहमति के बिना उनकी रिहाई का आदेश देने का आदेश दिया गया था. कोर्ट ने उनकी याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था, “उच्च न्यायालयों के पास संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत ऐसा करने की शक्ति नहीं है, जबकि सुप्रीम कोर्ट को अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्ति प्राप्त है.”

वहीं अपप्को बता दें कि, संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्ति का इस्तेमाल करते हुए, हाई कोर्ट ने 18 मई को पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था, जिन्होंने 30 साल से अधिक जेल की सजा काट ली थी और कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल को “बाध्यकारी” सलाह नहीं भेजनी चाहिए थी. कोर्ट ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत सजा में बदलाव/छूट से संबंधित मामलों में राज्य मंत्रिमंडल की सलाह राज्यपाल के लिए बाध्यकारी है.

पढ़ें :- सेम सेक्स मैरिज पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई....पति-पत्नी की जगह जीवनसाथी का इस्तेमाल हो-याचिकाकर्ता
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com
Booking.com
Booking.com