“भू–राजनीति में कोई स्थायी मित्र नहीं होता, केवल स्थायी राष्ट्रीय हित होते हैं।“ — इस ऐतिहासिक वाक्य को रूस ने एक बार फिर चरितार्थ कर दिखाया है। अफग़ानिस्तान की राजनीतिक बिसात पर रूस ने वह चाल चली है, जिसने न केवल अमेरिका को असहज कर दिया है, बल्कि समूचे मध्य

